दिनेश चन्द शर्मा

दिनेश चन्द शर्मा
पानी : अनोखा यात्री
Posted on 19 Jan, 2016 11:38 AM

लम्बी-लम्बी यात्रा करता,
रिसता बहता रहता है।

पानी एक अनोखा यात्री,
हरदम चलता है रहता।।

सागर से यह भाप रूप में,
बादल बनकर उड़ जाता।

और वायु के साथ-साथ ही,
दूर देश तक है जाता।

बर्फ, ओस, कहीं वर्षा बनकर,
जगह-जगह जमता गिरता।

और कहीं कुहरा सा बनकर,
इधर-उधर भागा फिरता।

कुछ उड़ता बन भाप धरा से,
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