उत्तर प्रदेश

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ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राउंड वाटर की खराब स्थिति
Posted on 09 May, 2014 02:15 PM शहरों में दोहन की वजह से भूजल स्तर में निरंतर गिरावट दर्ज की जा रह
भीषण गर्मी में सभी को रुलाएगा पेयजल संकट
Posted on 09 May, 2014 10:49 AM आठ जिलों में गाजियाबाद दूसरे स्थान पर
221 नलकूपों के लिए सिर्फ छह जनरेटर

नर्मदा जल से मंदाकिनी को मिलेगी संजीवनी
Posted on 08 May, 2014 10:42 AM

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती से बंधी उम्मीद

अब ऊसर नाहीं बा हमार किस्मत
Posted on 28 Apr, 2014 09:00 AM

खेतिहर की क्षमता विकसित करने के लिए कार्यक्रमों का नियोजन किया। तय किया कि प्रबंधन परियोजना को चाक चौबंद कैसे किया जाए? बनाई अनुदान योजना। खड़ी की परियोजना इकाइयां। चयनित किए गांव। अपने खेत पर खुद काम करने वाले भूमालिक को ही बनाया लाभार्थी। हर गांव में बनाई स्थल क्रियान्वयन समिति। गठित किए जलोपयोग और उत्पादक समूह। महिलाओं के स्वयं सहायता समूह बनाए गए, ताकि आर्थिक कमजोरी ऊसर सुधार के काम में बाधा न बने।

अमेठी को ले कर एक कहावत है- “जौ न होत अमेठी मा ऊसर, तौ अमेठी कय द इवहौ ते दूसर।’’ यदि अमेठी में ऊसर न होता तो अमेठी का देवता कोई और होता। यह कहावत बताती है कि जमीन के ऊसर-बंजर होने का गवर्नेंस से क्या रिश्ता है। यह कहावत इस नतीजे की ओर संकेत है कि जमीन ऊसर हो तो परावलंबन की मजबूरी खुद-ब-खुद हाथ बांधे रखती है। इसी मजबूरी ने आजादी के बाद भी अमेठी के रजवाड़े को लोगों के मानस में राजा-रानी बनाए रखा।

सरकारी और निजी प्रयासों से कुछ भूमि खेती योग्य हुई जरूर है; बावजूद इसके अमेठी का आज भी काफी बड़ा रकबा ऊसर-बंजर-टांड है। पूरे उत्तर प्रदेश को देखें तो ऐसी भूमि के रकबे का आंकड़ा कई लाख हेक्टेयर में है। हम चाहें तो इस पर बहस कर सकते हैं कि अच्छी-खासी उपजाऊ जमीन को ऊसर बनाने में कितना योगदान शासन-प्रशासन का है और कितना स्वयं खेत मालिकों का, लेकिन इस बात पर कोई बहस नहीं है कि ऐसी भूमि को सुधरना चाहिए।
barren land
चित्रकूट में लुप्त हो गर्इं दो पावन नदियां
Posted on 18 Apr, 2014 11:27 AM

गंदे नालों की शक्ल में बचे हैं निशान

ताजमहल बचाने के लिए यमुना को बचाएगी सरकार
Posted on 15 Apr, 2014 03:45 PM

ताज की नींव में लगी लकड़ी पानी के बिना सूख रही है

लायन सफारी में शेरोंं का आगमन
Posted on 13 Apr, 2014 11:27 AM लायन सफारीहाल में ही शेरों के लिए मुलायम और मोदी में जमकर जुबानी जंग हुई उसके बाद शुक्रवार तड़के सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के ड्रीम प्राजेक्ट लायन सफारी में दो शेरों को कड़ी
पंचनदा को विकास का मुद्दा बनाने वाले नेताओंं से खफा चंबलवासी
Posted on 11 Apr, 2014 01:27 PM जब सपा बसपा के प्रत्याशी पंचनदा पर अपनी रायसुमारी कर रहे हो तो जाहि
भूजल स्तर में तेजी से आ रही गिरावट
Posted on 07 Apr, 2014 12:16 PM

नोएडा व ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों की करतूत से जल संकट

चंबल में पीने का साफ पानी का मुद्दा गड़बड़ा सकता है सभी दलों का समीकरण
Posted on 05 Apr, 2014 04:34 PM पीने के साफ पानी की गंभीर समस्या पर कई राजनैतिक दलों के प्रत्याशियो
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