उत्तर प्रदेश

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आखिर काम आये वही पुराने तालाब
Posted on 12 Jan, 2016 10:34 AM

मेजा के एक गाँव में 90 से अधिक तालाब



इलाहाबाद। कमजोर बारिश से इस साल खरीफ व रबी, दोनों सीजन में किसानों के लिये थोड़ा सा भी जल आशा की किरण नजर आ रहा है। पानी की कीमत क्या हो सकती है? इलाके में पानी का अतिभोग करने वाले किसानों को अब इसका ज्ञान हो रहा है।

यही नहीं जब इस साल पानी के तमाम स्रोत जवाब दे गए तो किसानों की नजर गाँव के पुराने, जर्जर तालाबों पर पड़ी। सूखे के संकट के समय भी तालाबों में पर्याप्त पानी देख गाँव वाले अचम्भित हुए।

कई वर्षों से किसी का भी ध्यान इन तालाबों की तरफ नहीं जा रहा था। किसानों ने पहली बार महसूस किया कि वास्तव में ये तालाब तो बड़े काम के हैं। ऐसे में जब चारों तरफ जल के तमाम स्रोत सूख रहे हैं, इस गाँव के तालाब जल ही जीवन है का अतुलनीय उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं।
अपाहिज जिन्दगी
Posted on 11 Jan, 2016 04:10 PM

Panchagain, Patti Panchgain, Panchagain Kheda, Agraमशहूर शायर फैज़ अहमद फैज़ ने लिखा है-
जिन्दगी क्या किसी मुफलिस की कबा (कपड़ा) है जिसमें हर घड़ी दर्द के पैबन्द लगे जाते हैं। 

 

फैज़ ने ये पंक्तियाँ किन हालातों में लिखी होंगी पता नहीं लेकिन ऐतिहासिक शहर आगरा से लगभग 20-25 किलोमीटर दूर स्थित गाँव पचगाँय के लोगों की जिन्दगी सचमुच उस गरीब के कपड़ों जैसी है जिनमें हर पल दर्द के पैबन्द लगते हैं।

गाँव की आबादी तकरीबन 900-1000 होगी। गाँव पक्की सड़क से जुड़ा हुआ भी है। आमतौर पर पक्की सड़क से जुड़ाव विकास का पैमाना होता है। इस गाँव के लोगों की रोजी-रोटी का जरिया खेती है पर कई परिवार ऐसे भी हैं जिनके पास अपनी जमीन नहीं। कुल मिलाकर यहाँ समृद्ध और दरिद्र दोनों तरह के परिवार रहते हैं। इसी तथाकथित विकसित गाँव में दर्जनों लोगों को फ्लोराइड हर घड़ी दर्द दे रहा है। यह फ्लोराइड कहीं और से नहीं बल्कि जिन्दगी देने वाले पेयजल से उनके शरीर में जा रहा है।

बूँद-बूँद को तरस रहा तीन नदियों से घिरा इलाका
Posted on 11 Jan, 2016 01:19 PM


जनपद इलाहाबाद में एक परियोजना है।
नाम है- वाण सागर नहर परियोजना ..
म.प्र. के शहडोल जिले में जो सोन नदी पर बाँध बना है वाण सागर। अब उसका पानी मिर्जापुर तथा इलाहाबाद के मेजा और कोरांव तहसीलों में आना है।
कैसे- नहर के माध्यम से
नहर बनाने में अब तक 24 साल का समय और 3148 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हो चुके हैं।

डेढ़ लाख हेक्टेयर जमीन परती
Posted on 05 Jan, 2016 11:00 AM


सूखे से कराह रहा धान का कटोरा इलाहाबाद का लापर क्षेत्र

पानीदारी के लिये रवायतों का सहारा
Posted on 05 Jan, 2016 10:35 AM
चोहड़े, पहाड़ी नालों पर चेकडैम, तालाबों की मेड़बंदी के प्रयासों के बावजूद दूर नजर आ रही मंजिल तक पहुँचने के लिये एक टोली ने बुंदेली रवायतों को फिर बढ़ावा देने का प्रयास शुरू किया है। जिसमें प्रसूता से ‘कुआँ पूजा’ और वधू की विदा के समय पानीदार कुओं में ताम्बे का सिक्का डालने और राह में मिलने वाली नदी की पूजा अर्चना शामिल है। मक्सद, कुआँ, नदी के प्रति आस्था पैदा कर जल संरक्षण के लिये प्रेरित क
बूँद-बूँद पानी सहेजने की सीख
Posted on 05 Jan, 2016 10:24 AM
जिले के ऐतिहासिक महत्त्व के आसई गाँव के करीब ढाई कि.मी. इलाके में जमीन में प्राकृतिक स्रोत फूटे हैं। इनसे साल भर पानी रिसता है। इस बूँद-बूँद पानी को सहेज कर गाँव वालों ने जल प्रबन्धन का बेहतर इन्तजाम किया है। आस-पास छह तालाब खोदे गए हैं, जो इसके पानी से लबालब हैं। इनसे रोजमर्रा के काम के साथ ही करीब 20 एकड़ से अधिक खेती की सिंचाई होती है।
मेजा से मिर्जापुर तक गाँवों में भयंकर पेयजल संकट
Posted on 03 Jan, 2016 03:07 PM
.इलाहाबाद। तीन तरफ से नदियों से घिरे इलाहाबाद जनपद के मेजा-कोरांव
स्वच्छता के मुद्दे पर फतेहपुर में राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन
Posted on 31 Dec, 2015 11:54 AM तिथि : 4-5 जनवरी 2016
दिन : सोमवार-मंगलवार
स्थान : गवर्नमेंट गर्ल्स पी.जी. कॉलेज बिंदकी, फतेहपुर


भारत सरकार द्वारा शुरू किये गए स्वच्छ भारत अभियान में 4041 शहर सम्मिलित हैं। इन शहरों की गलियों, सड़कों को साफ करना शामिल है। इस अभियान की औपचारिक शुरुआत प्रधानमंत्री जी ने स्वयं झाड़ू लगाकर की थी। स्वच्छ भारत अभियान, भारत की सबसे बड़ी स्वच्छता मुहिम है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए 4-5 जनवरी 2016 को कार्यक्रम का आयोजन बिंदकी में किया जा रहा है। आगामी वर्ष जनवरी 2016 में उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में स्वच्छता पर कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है। 4-5 जनवरी 2016 को होने वाले इस कार्यक्रम का मुद्दा है, स्वच्छ भारत अभियान 2014 : प्रशासनिक परिप्रेक्ष्य, मुद्दे और चुनौतियाँ। इस कार्यक्रम का आयोजन फतेहपुर के गवर्नमेंट गर्ल्स पी.जी. कॉलेज बिंदकी, फतेहपुर में होगा।

फतेहपुर के बिंदकी का भी एक लम्बा इतिहास रहा है। राष्ट्रकवि सोहन लाल द्विवेदी की यह जन्मस्थली रही है। बिंदकी के गवर्नमेंट गर्ल्स पी.जी. कॉलेज की स्थापना 1996 में एक उच्च कला महाविद्यालय के रूप में हुई थी, लेकिन आज यह कला के तीन विषयों में उच्चतर शिक्षा प्रदान करने वाला महाविद्यालय बन गया है।

अपनी स्थापना के बाद से ही यह बिंदकी और आस-पास के क्षेत्र की लड़कियों की उच्च शिक्षा के प्रचार-प्रसार में योगदान दे रहा है। अगले वर्ष से यहाँ वाणिज्य की पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी।
पानी बना जहर
Posted on 21 Dec, 2015 10:59 AM
बलिया : पूर्वी उत्तर प्रदेश का बलिया जिला पानी में जहर पी रहा है। जहर भी ऐसा की पीने वाले को कुछ नहीं पता। खामोशी से यह जहर इलाके को लोगों के जीवन आयु को कम करता जा रहा है। बलिया समेत करीब दस जिलों में आर्सेनिक की पानी में मिली ज्यादा मात्रा चौंकाने वाली हैं। इसकी वजह से इलाके के लोग कैंसर समेत कई दूसरी त्वचा की बीमारियों की गिरफ़्त में हैं। ऐस
बच्चों ने रखी तालाब पर ‘स्वच्छता की पाठशाला’
Posted on 15 Dec, 2015 11:51 AM 1. एसडीएम एवं नागरिकों से पूछे तीखे सवाल
2. नुक्कड़ नाटक कर पढ़ाया स्वच्छता का पाठ

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