उत्तर प्रदेश

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फसल में बदलाव से बनेगी बात
Posted on 09 Apr, 2017 09:47 AM
जरूरत इस बात की है कि किसान जो फसल पैदा कर रहा है उसकी खरीद
नीति तय करने का समय
Posted on 08 Apr, 2017 04:35 PM
पंजाब जैसे राज्य अभी हर खरीद पर 14.5 प्रतिशत से ज्यादा का मंड
किसानों को चाहिए सम्मान और समुचित आय
Posted on 08 Apr, 2017 04:06 PM
किस किसान के किस खेत में कौन से तत्व या खनिज की कमी है, कौन-स
farmer
बुनियदी सुविधाओं की दरकार
Posted on 08 Apr, 2017 03:32 PM
किसानों को उन्नत बीज, खाद, सिंचाई के साथ पैदावार की बिक्री की
चुनावी समर में मुद्दा नहीं है पानी
Posted on 21 Mar, 2017 09:30 AM
फ्लोराइडयुक्त पानी पीने से देश में लगभग 60 लाख लोगों के प्रभा
water
पश्चिमी हिमालय
Posted on 20 Mar, 2017 03:47 PM
हिमालय पर्वतमाला भारत को उत्तर से ऊँची चोटियों की एक सतत शृंखला से बाँधती है। इसका पश्चिमार्द्ध- जो कश्मीर घाटी से लेकर उत्त
Himalaya
फतेहपुर में सूखे पर फतेह
Posted on 11 Mar, 2017 01:55 PM
अनुवाद - संजय तिवारी

किसी सरकारी योजना में ऐसा पहली बार हुआ था कि दोहन की बजाय संवर्धन पर सरकारी धन खर्च किया गया था। सरकारें ट्यूबवेल बनाकर धरती का पानी खींचने में सिद्धहस्त होती हैं लेकिन यहाँ इसके उलट किसी छोटी जलधारा को जीवित किया गया ताकि धरती के पेट में पानी भर सके। छोटी जलधाराएँ न केवल स्थानीय भूजल को बनाकर रखती हैं बल्कि जिन नदियों में उनका मिलन होता है उस बड़ी नदी की सेहत के लिये भी ये छोटी नदियाँ वरदायी होती हैं।

यह देश के 250 सर्वाधिक पिछड़े हुए जिलों में से एक फतेहपुर की कहानी है जहाँ सरकारी पैसे के समुचित उपयोग और जन भागीदारी से समाज ने अपनी सूखी नदी को जिन्दा कर लिया।

39 साल के राम ईश्वर फतेहपुर स्टेशन के सामने रिक्शा चलाते थे। खेती करते थे तब भी वो कोई बड़े किसान नहीं थे लेकिन रोजी रोटी चल जाती थी। छोटी जोत में मेहनत से इतना पैदा कर लेते थे कि जीवन चल जाता था। जब पानी की कमी की वजह से छोटी जोत की पैदावार भी जरूरत से छोटी हो गई तो उन्होंंने रिक्शा चलाने का विकल्प चुना। अगर उद्योग धन्धे का विकल्प मिलता तो शायद मिल फैक्टरी में काम भी करते लेकिन फतेहपुर में रोजी रोटी के बहुत सारे विकल्प नहीं हैं। ऐसे में एक सरकारी योजना राम ईश्वर के लिये वरदान बनकर आई।

महात्मा गाँधी रोजगार गारंटी योजना के तहत फतेहपुर में एक ऐसा काम हाथ में लिया गया जिससे फतेहपुर को सींचने वाली सूखी नदी हरी हो गई। ससुर खदेरी (2) का पुनर्जीवन भारत में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन का सफल उदाहरण है जिसने छोटी जोत वाले न जाने कितने किसानों को खेती की तरफ लौटाने का काम किया है।
मत्स्य पालन एवं प्रोटीन
Posted on 07 Mar, 2017 01:17 PM

भारत सरकार ने भी मछली का उत्पादन तथा उत्पादकता बढ़ाने के विभिन्न कार्यक्रम तेज किये हैं।

जल प्रदूषण निवारण एवं जनता की भूमिका (Water pollution prevention and public role)
Posted on 06 Mar, 2017 01:38 PM
‘जल ही जीवन है।’ यह कथन आदिकाल से चला आ रहा है। सृष्टि की उत्पत्ति के जो मूलभूत पाँच तत्व कहे गए हैं, उनमें जल का महत्त्व सर्वोपरि है क्योंकि यही रस रूप होकर प्राणियों को जीवन प्रदान करता है। जीवन को निरोग एवं स्वच्छ रखने के लिये जल की शुद्धता बरकरार रखनी आवश्यक है। गंगा आदि नदियों में स्नान का जो महात्म्य हमारे धर्म-ग्रन्थों में वर्णित है, उसके मूल में तथ्य यह है कि गंगा के जल में हिम
कृषि समस्याएँ : प्रयास एवं सुझाव
Posted on 06 Mar, 2017 01:26 PM

हम यही कर सकते हैं कि कृषि विकास एवं ग्राम्य समस्याओं को क्षणिक मानवीय लिप्सा की भट्ठी मे

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