सवाई माधोपुर जिला

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जल जो न होता तो ये जग जाता जल
Posted on 08 Jul, 2010 11:11 AM

कहते हैं कि पानी है तो जीवन है, लेकिन इन दिनों पानी की कमी से सारी दुनिया तबाह है। फिर भी कुछ लोग हैं जो पानी को बचाकर अपने ओर अपने आसपास के जीवन को बचाने में लगे हुए हैं उनके इन सकारात्मक प्रयासों ने दुनिया को एक नई दिशा दी है। कौन हैं ये लोग और कैसे बचा रहे हैं जल। पानी बचाने वाले इन पानीदार लोगों पर एक खास प्रस्तुतिकरीब बीस साल पहले कार्टूनिस्ट देवेंद्र ने एक कार्टून बनाया था जिसमें गर्मी के इस मौसम में एक महिला दोनों हाथों से नल निचोड़ रही है और तब जाकर उसमें से दो बूंद पानी गिरता है। सच पूछा जाए तो या कार्टून भी अब पुराना पड़ गया है। अब जल संकट के लिए गर्मी का इंतजार नहीं करना पड़ता। ठिठुराती ठंड में भी पानी का संकट सामने खड़ा मिल जाएगा। प्रसिद्ध पर्यावरणविद अनुपम मिश्र के शब्दों में कहें तो ‘कहा नहीं जा सकता कि देश में राजनीति का स्तर गिरा है या जल का स्तर।

राजस्थान की नदियां
Posted on 13 Oct, 2008 10:50 AM

- राहुल तनेगारिया

१) चम्बल नदी -

इस नदी का प्राचीन नाम चर्मावती है। कुछ स्थानों पर इसे कामधेनु भी कहा जाता है। यह नदी मध्य प्रदेश के मऊ के दक्षिण में मानपुर के समीप जनापाव पहाड़ी (६१६ मीटर ऊँची) के विन्ध्यन कगारों के उत्तरी पार्श्व से निकलती है। अपने उदगम् स्थल से ३२५ किलोमीटर उत्तर दिशा की ओर एक लंबे संकीर्ण मार्ग से तीव्रगति से प्रवाहित होती हुई चौरासीगढ़ के समीप राजस्थान में प्रवेश करती है। यहां से कोटा तक लगभग ११३ किलोमीटर की दूरी एक गार्ज से बहकर तय करती है। चंबल नदी पर भैंस रोड़गढ़ के पास प्रख्यात चूलिया प्रपात है। यह नदी

माही नदी
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