सोनभद्र जिला

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रिहंद बना भोपाल..
Posted on 11 Nov, 2009 01:23 PM

उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जनपद! कभी देश का स्विट्जरलैंड कहा जाता था आज वहां एक और भोपाल जन्म ले चुका है, उत्तर प्रदेश-बिहार सीमा पर स्थित सोनभद्र के कमारी डांड गांव में रिहंद का जहरीला पानी पीकर पिछले १० दिनों में २० जानें गई हैं, वहीं सैकडों लोगों की हालत बेहद गंभीर है, इन मौतों से घबराए हजारों आदिवासी दूसरे इलाकों में पलायन कर गए हैं।

रिहंद
जहर के कारखाने पर जागी सरकार
Posted on 26 Oct, 2009 05:57 PM देश में दूसरा यूनियन कार्बाइड बनते जा रहे सोनभद्र स्थित कनोरिया केमिकल इंडस्ट्रीज को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बंदी की नोटिस जारी कर दी है। 'इंडिया वाटर पोर्टल' ने लगातार इस मुद्दे के छापा, खबरों को संज्ञान में लेकर बोर्ड द्वारा की गयी जांच में कम्पनी को पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन और अपशिष्टों के उचित निस्तारण न किया जाने का दोषी पाया गया है, नोटिस में कहा गया है कि अगर १५ दिन की के
कनोरिया इंडस्ट्रीज
जंगल में घोर अमंगल
Posted on 19 Oct, 2009 08:15 AM
नदियों, पहाडों को नंगा कर अपनी झोली भर रहे खनन माफियाओं का निशाना इस बार देश का गौरव कहे जाने वाले वन्य जीव अभ्यारण्य बने हैं। उत्तर प्रदेश का सर्वाधिक क्षेत्रफल वाला कैमूर वन्य जीव अभ्यारण्य लुप्त होने के कगार पर है, धन कमाने की हवस में ललितपुर से लेकर सोनभद्र तक फैले समूचे अभ्यारण्य को चर डाला गया है, समूचे सेंचुरी क्षेत्र में जंगलों को नेस्तानाबूद करके बालू का अवैध खनन कराया जा रहा है,
विकलांगों की बस्ती
Posted on 01 Oct, 2009 03:37 AM
१२ वर्ष का शम्भू कैमरे को देखकर पत्थर उठा लेता है, क्यूँ न उठाये वो पत्थर?
सोनभद्र बना कब्रिस्तान
Posted on 28 Sep, 2009 10:56 AM
रासायनिक कचड़े के दलदल में तब्दील हो चुके रिहंद जल का असर कभी फ्लोरोसिस तो कभी गर्भस्थ शिशुओं की मौत के रूप में सामने आता रहा है लेकिन जल प्रदूषण का असर इतना व्यापक होगा और आम आदिवासियों की आर्थिक धुरी कहे जाने वाले मवेशियों की सामूहिक हत्या की वजह बनेगा इसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी।
सोनभद्र में विजुल नदी सूखने के कगार पर
Posted on 23 Apr, 2009 03:20 PM ओबरा ( सोनभद्र). मध्यप्रदेश के सीधी जिले में औषधीय वृक्षों के जल से बनी रेणुकापार क्षेत्र की जीवनरेखा विजुल नदी पहली बार सूखने के कगार पर है. गुप्त काशी को अपनी अविरल धाराओं से सींचकर गोठानी स्थित प्रत्यक्ष संगम में समाहित हो जाने वाली विजुल नदी पर आये गंभीर संकट से तीन लाख से ज्यादा
नरेगा साबित हुई वरदान
Posted on 21 Apr, 2009 08:29 AM


Oct 10, 08
सोनभद्र । जनपद में जल संरक्षण के लिए विगत दो वर्ष से बेहतर कार्य हो रहा है। इसका खासा असर भी देखने को मिल रहा है। हाल के वर्षों में यहां का भूगर्भजल जिस तेजी से नीचे खिसक रहा था उसे देख सभी चिन्तित हो उठे थे लेकिन पहाड़ी इस जिले में नरेगा काफी कारगर साबित हुई है। वर्षा के जल को संचित करने से अब भूगर्भजल तेजी से ऊपर की तरफ आ गया है।

पानी की कमी से मर रहे हैं दुर्लभ प्रजाति के लंगूर
Posted on 24 Feb, 2009 07:22 AM मई 12, 2008/ (आईएएनएस)

वाराणसी, सोनभद्र के जंगलों में पानी की कमी और भीषण गर्मी के चलते भारी संख्या में काले मुंह वाले बंदरों की मौत हो रही है।
हिंडाल्को इंडस्ट्रीज़, रेनुकूट, सोनभद्र, यूपी: समुदाय आधारित जल प्रबंधन
Posted on 08 Oct, 2008 07:48 PM हिंडाल्को के रेनुकूट संयंत्र में एक जल प्रबंधन परियोजना चलाई जा रही है जिसका लक्ष्य इस पहाड़ी क्षेत्र के ३० गांवों को फ़ायदा पहुंचाना है। इस इलाके में करीब 65% आबादी गरीबी रेखा से नीचे गुज़र बसर करती है। परियोजना के तहत बाहर से पानी लाकर 2500 एकड़ से अधिक ज़मीन की सिंचाई की व्यवस्था की गई जिससे करीब 4165 लोगों को फ़ायदा हुआ। इसी तरह बारिश के पानी के संरक्षण के माध्यम से 8600 एकड़ ज़मीन की सिंचाई क
कोशिश रंग लाई, मिला पानी
Posted on 03 Oct, 2008 12:57 AM

आईबीएन-7/सिटिज़न जर्नलिस्ट सेक्शन

नरेन्द्र नीरव, सोनभद्र जिले के ओबरा का रहने वाला हैं। सूखा ग्रस्त टोले का परासपानी गांव आज 5 सालों के मेहनत, परिश्रम और लोगों के लगन का नतीजा है यह कि जहां सूखा था वहां पानी दिख रहा है।

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