पटना जिला

Term Path Alias

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Proceedings of the Sixth Delegates Conference (5th Sept 2009)
Posted on 05 Jun, 2017 01:37 PM
Held at : Chandrayan High School, Dist, Saharsa (Bihar)
The meeting was chaired by Shri Gajendra Prasad Yadav and conducted by Chandrashekhar and the inaugural address was given by Shri Gajendra Prasad 'Himanshu', former Minister of Water Resources, Govt. of Bihar.

Gajendra Prasad Yadav

Story of a ghost river and engineering witchcraft
Posted on 03 Jun, 2017 01:50 PM

1. The River Bhutahi Balan

बिहार की गाद और बाढ़ के लिये फरक्का जिम्मेवार नहीं-इंजीनियर एसोसिएशन
Posted on 30 May, 2017 04:53 PM


बिहार की बाढ़ और गंगा की गाद के लिये फरक्का बराज को जिम्मेवार ठहराने के बिहार सरकार के अभियान का इंजीनियर बिरादरी ने विरोध किया है। इंडियन इंजीनियर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित ‘‘भारतीय उपमहाद्वीप के पूर्वी क्षेत्र में बाढ़ और जल संसाधन प्रबंधन’’ विषयक सेमीनार में मुख्य अतिथि गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के अध्यक्ष अरूण कुमार सिन्हा ने कहा कि फरक्का बराज की वजह से गंगा के उलटे प्रवाह का प्रभाव अधिक से अधिक 46 किलोमीटर ऊपरी प्रवाह में हो सकता है, पटना तक उसका असर नहीं आ सकता। इस संदर्भ में उन्होंने केन्द्रीय जल आयोग द्वारा उत्तराखंड के भीमगौड़ा से फरक्का तक गंगा के जल-विज्ञानी अध्ययन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बिहार में बाढ़ और गाद की समस्या तब भी थी जब फरक्का बराज नहीं बना था। दरअसल नदियों के बाढ़ क्षेत्र में अतिक्रमण बाढ़ के विनाशक होने और गाद के नदी तल में एकत्र होने का एक बड़ा कारण है। 28 मई को पटना के अभियंता भवन में हुए सेमीनार में नेपाल और बांग्लादेश के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सेदारी की।

Flood
बाढ़ मुक्ति अभियान के छठें प्रतिनिधि सम्मेलन की रपट
Posted on 29 May, 2017 04:05 PM


सभा स्थल: चन्द्रायण हाई स्कूल, जिला सहरसा (बिहार)
तारीख: (5 सितंबर 2009)


आज की कार्यवाही श्री गजेन्द्र प्रसाद यादव की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई और उसका संचालन श्री चन्द्रशेखर ने किया। उद्घाटन भाषण श्री गजेन्द्र प्रसाद ‘हिमांशु’, पूर्व जल-संसाधन मंत्री, बिहार सरकार ने किया।

भुतही नदी और तकनीकी झाड़-फूंक
Posted on 28 May, 2017 01:07 PM

1. भुतही-बलान का परिचय

भुतही नदी
Floods Despite Dams
Posted on 27 May, 2017 03:27 PM

Background

बाढ़ तो फिर भी आयेगी
Posted on 27 May, 2017 10:25 AM

पृष्ठभूमि:


बिहार की गिनती भारत के सर्वाधिक बाढ़-प्रवण क्षेत्रों में होती है। राष्ट्रीय बाढ़ आयोग (1980) के अनुसार देश के कुल बाढ़-प्रवण क्षेत्र का 16.5 प्रतिशत हिस्सा बिहार में है जिस पर देश की कुल बाढ़ प्रभावित जनसंख्या की 22.1 प्रतिशत आबादी बसती है। इसका मतलब यह होता है कि अपेक्षाकृत कम क्षेत्र पर बाढ़ से ग्रस्त ज्यादा लोग बिहार में निवास करते हैं। 1987 की बाढ़ के बाद किये गये अनुमान के अनुसार यह पाया गया कि बाढ़-प्रवण क्षेत्र का प्रतिशत सारे देश के संदर्भ में बढ़कर 56.5 हो गया है और इसका अधिकांश भाग उत्तर बिहार में बढ़ता है जिसकी जनसंख्या 5.23 करोड़ (2001) है तथा क्षेत्रफल 54 लाख हेक्टेयर है। यहाँ की 76 प्रतिशत ज़मीन बाढ़ से प्रभावित है जबकि जनसंख्या घनत्व 1,000 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।

ऐसे आती है बाढ़
Posted on 26 May, 2017 03:43 PM
उत्तर बिहार को लगातार बाढ़ से बचाने के लिये 1950 के दशक में यहां की नदियों पर तट-बंध बनाने की एक विषद और महत्वाकांक्षी योजना शुरू हुई। यह निश्चय ही एक दुःस्साहसिक कदम था क्योंकि इसके पीछे नेपाल से बिहार के मैदानी इलाकों में अत्यधिक गाद युक्त पानी लाने वाली नदियों से छेड़छाड न करने वाली लगभग सौ साल पुरानी मुहिम को अब धता बता दिया गया था। अंग्रेज इंजीनियरों की बाढ़ नियंत्रण तथा तटबंध विरोधी और बाढ़ समस्या को जल निकासी की समस्या के रूप में देखने वाली लॉबी बड़ी ही समर्थ और सक्रिय थी और उन्होंने ऐसे किसी भी काम का लगभग सफल विरोध किया जिससे बहते पानी के रास्ते में अड़चने पैदा होती हैं।

Thus come the floods
Posted on 26 May, 2017 03:28 PM
There was only 160 kilometer length of embankments in Bihar,
गाद निकालने में सावधानी आवश्यक
Posted on 25 May, 2017 11:45 AM


गंगा के गाद-विमुक्तिकरण के उपाय सुझाने के लिये केन्द्र सरकार द्वारा गठित चितले समिति ने गाद का वार्षिक बजट बनाने समय कई सिफ़ारिशें की हैं और इस मामले को किसी तकनीकी संस्थान को सौंप देने का सुझाव दिया है जो मोरफोलॉजीकल (आकृति वैज्ञानिक) और बाढ़ की आवृत्ति का अध्ययन करके गाद की पहुँच क्षेत्र में उन स्थलों को चिन्हित करेगा जहाँ से गाद हटाई जा सकती है।

Ganga silt
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