प्रयागराज जिला

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प्रकृति का अनुकरण कर किए गए नवाचारी आविष्कार
Posted on 04 Nov, 2016 03:49 PM

वैज्ञानिकों ने पौधों द्वारा पत्तियों में सौर-ऊर्जा को आहार के रूप में संकलित करने के प्रक

जैव विविधता के संवेदनशील क्षेत्र
Posted on 04 Nov, 2016 03:30 PM
पृथ्वी पर जितने भी महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक स्थान और क्षेत्र हैं, वे प्रायः खतरों में पड़े हुए हैं। इन क्षेत्रों की मूल वनस्पतियों का मात्र दस प्रतिशत अंश ही वर्तमान समय में बचा हुआ रह गया है। इन क्षेत्रों को संवेदनशील क्षेत्र यानि हॉट स्पॉट कहा जाने लगा है। इन्हें हॉट स्पॉट कहने का अभिप्राय यह है कि इनके संरक्षण के प्रति विशेष रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए। ये संवेदनशील क्षेत्र जैव विविधता की द
कैसे बनते हैं मोती
Posted on 04 Nov, 2016 03:12 PM
हो सकता है आपने ‘मोती’ या मोतियों से बनी माला अवश्य देखी होगी। मटर के दाने के बराबर गोल-गोल सफेद दूधिया रंग के चमकदार पत्थर के टुकड़े की तरह दिखने वाले मोती को पाने के लिये सभी लालायित रहते हैं। मोती को न केवल आभूषणों में उपयोग किया जाता है, इसको अन्य कई तरह से उपयोग में लाया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि मोती बनता कैसे है?
करंज : बायोडीजल का एक स्रोत
Posted on 04 Nov, 2016 02:55 PM

करंज पौधरोपण से लगभग 45-50 वर्ष तक अच्छी उपज मिलती रहती है। इसके अलावा इस वृक्ष की प्रतिव

विज्ञान प्रवाह
Posted on 04 Nov, 2016 12:51 PM
विश्व में विज्ञान में अनुसंधानों का प्रवाह निरन्तर होता रहता है। अनुसंधानों के निष्कर्ष सामने आते रहते हैं। उनमें से कुछ अनुसंधानों की संक्षिप्त चर्चा यहाँ प्रस्तुत है-

1. ऐसे होता है जानवरों को भूकम्प का पूर्वाभास

विज्ञान चलचित्र मेला : अब बनेंगी अच्छी विज्ञान फिल्में
Posted on 04 Nov, 2016 12:37 PM
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के विज्ञान प्रसार और राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद द्वारा दूरदर्शन, आकाशवाणी, यूनिसेफ, लखनऊ विश्वविद्यालय के पर्यावरण शिक्षा केंद्र, एमेटी विश्वविद्यालय, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उ.प्र.
रोचक है हमारा सौरमंडल
Posted on 03 Nov, 2016 04:27 PM
आकाश तथा खगोलीय पिंड आदि काल से मानव सभ्यता के लिये कौतूहल का विषय रहे हैं। पहले के जमाने में ऐसा विश्वास किया जाता था कि आसमान धरती का छत है। लोगों का यह भी यकीन था कि आकाश पहाड़ों पर टिका हुआ है। कई लोगों का यह भी मानना था कि आकाश में कोई छेद है।
रजनीगंधा की लाभप्रद खेती
Posted on 03 Nov, 2016 04:11 PM

रजनीगंधा की खेती से एक अच्छा लाभ कमाया जा सकता है। इस दिशा में वनस्पति उद्यान सी.एस.आई.आर

मुझसे परिचय बढ़ाओ
Posted on 03 Nov, 2016 12:59 PM

मैं दूध हूँ


आपके जन्म लेते ही प्रकृति ने माँ के स्पर्श के साथ जो सबसे पहला आहार आपको दिया था, मैं वही दूध हूँ, ठीक माँ की ममता जैसा ही मीठा और उसकी भावनाओं जैसा ही स्वच्छ। केवल मानव ही क्यों और भी बहुत से प्राणी हैं जो प्रकृति की इस उदारता का लाभ उठा रहे हैं और इन सबको ही स्तनपायी जीवों की श्रेणी में रखा जाता है।
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