/regions/pratapgarh-district
प्रतापगढ़ जिला
एक खो गई नदी की तलाश
Posted on 03 Apr, 2018 02:28 PM
नदी की पहली स्मृतियों में ट्रेन की खिड़की से झाँकता धुँधलका कौंधता हैं। बचपन में पुल से गुजरती ट्रेन की धड़-धड़ सुनते ही हम उचककर खिड़की से झाँकते। लगता था ऊपर से लोहे के भारी-भरकम पिलर्स गिर रहे हैं। उनके गिरने की लयबद्ध आवाज आ रही है। हमारी ट्रेन भी उतनी ही तेजी से भाग रही होती थी।
नदी-तालाबों की अहमियत कब समझेगा प्रतापगढ़ प्रशासन
Posted on 12 Jun, 2016 11:04 AM
बुन्देलखण्ड का सूखा, एक नजीर बन चुका है। सो, स्थानीय संगठनों की पहल पर उत्तर प्रदेश का शासन कुछ नजीर पेश करने के मूड में दिखाई दे रहा है। उसने वहाँ 100 परम्परागत तालाबों के पुनर्जीवन की घोषणा की है; 50 तालाब महोबा में और 50 उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले शेष बुन्देलखण्ड में। खेत-तालाबों को लेकर एक घोषणा वह पहले कर ही चुका है।
मनरेगा के तहत बुन्देलखण्ड में 4,000 हजार अन्य तालाबों के पुनर्जीवन की भी घोषणा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कर आये हैं। कहा जा रहा है कि मानसून आने से पूर्व यह काम पूरा कर लिया जाएगा। इन घोषणाओं को लेकर स्थानीय स्वयंसेवी संगठन भी अपनी पीठ ठोक रहे हैं और उत्तर प्रदेश शासन भी। घोषणा यदि बिना भ्रष्टाचार और समय पर जमीन पर उतरती है, तो यह पीठ ठोकने का काम है भी।
ध्वनि प्रदूषण
Posted on 16 May, 2016 04:26 PMवैज्ञानिक अध्ययनों से स्पष्ट हो चुका है कि 90 डेसीबल से अधिक की ध्वनि, प्रदूषित ध्वनि है।
पंचायत समिति प्रतापगढ़ की भूजल स्थिति
Posted on 08 Nov, 2015 12:29 PMपंचायत समिति, प्रतापगढ़ (जिला प्रतापगढ़) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा प्रतापगढ़ जिले में 155 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 146 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति पिपलखुन्ट की भूजल स्थिति
Posted on 08 Nov, 2015 12:27 PMपंचायत समिति, पिपलखुन्ट (जिला प्रतापगढ़) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा प्रतापगढ़ जिले में 155 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 146 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति धरियावद की भूजल स्थिति
Posted on 08 Nov, 2015 12:25 PMपंचायत समिति, धरियावद (जिला प्रतापगढ़) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा प्रतापगढ़ जिले में 155 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 146 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति छोटी सादड़ी की भूजल स्थिति
Posted on 08 Nov, 2015 12:23 PMपंचायत समिति, छोटी सादड़ी (जिला प्रतापगढ़) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा प्रतापगढ़ जिले में 155 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 146 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति अरनोद की भूजल स्थिति
Posted on 08 Nov, 2015 12:20 PMपंचायत समिति, अरनोद (जिला प्रतापगढ़) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा प्रतापगढ़ जिले में 155 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 146 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
राजस्व तालाबों की कब्जा मुक्ति उत्तर प्रदेश का एक प्रेरक शासनादेश
Posted on 03 Mar, 2012 01:14 PMइस आदेश का उपयोग कर प्रतापगढ़ जिले के एक जिलाधिकारी ने तालाबों की कब्जा मुक्ति की बड़ी मुहिम छेड़ी थी। जिलाधिकार
जब जागो, तभी सवेरा
Posted on 18 Dec, 2011 01:05 PMआज नदी की धारा खुल चुकी है और लोगों के मन भी। बकुलाही संसद के निर्माण के लिए बकुलाही पुत्रों क