कर्नाटक

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कंसल्टेंट-सोशल डेवलपमेंट
Posted on 10 Apr, 2009 09:43 AM अर्घ्यम् के अर्बन वाटर इनिशिएटिव हेतु सोशल डेवलपमेंट- कंसल्टेंट के रिक्त पद के लिए आवेदन आमंत्रित है।
अर्घ्यम् एक गैर लाभकारी संस्था है जिसका उद्देश्य, 'साफ, सुरक्षित जल, सदा सबके लिए' है। सहभागिता और अनुदान के माध्यम् से यह रणनीतिक कार्यों और सभी नागरिकों के लिए स्थिरता और समानता के मुद्दों को समर्थन देता है।
आवेदन आमंत्रणः देशपांडे फैलोशिप
Posted on 07 Apr, 2009 10:39 AM
देशपांडे फैलोशिप प्रोग्राम उभरते सामाजिक उद्यमियों के लिए एक अनूठा अवसर है. यह फैलोशिप, सीखने की एक इंटरैक्टिव प्रक्रिया है जिसका लक्ष्य सफल सामाजिक उद्यमी तैयार करना है। प्रतिभागी विद्यमान सर्वोत्तम क्रियाओं को सीखेंगे और सामाजिक परिवर्तन के प्रमुख मॉडल्स का ज्ञान प्राप्त करने के लिए अग्रणी सामाजिक उद्यमियों के साथ और स्थानीय इनोवेटर्स के साथ काम करेंगे।
साड़ी से रेन वाटर हार्वेस्टिंग
Posted on 06 Feb, 2009 12:15 AM

वर्षाजल एकत्रित करने का देशज तरीका


कर्नाटक और केरल के भारी वर्षा वाले इलाके के गाँवों में ग्रामीण जनता पेयजल प्राप्त करने के लिये अपना खुद का “डिजाइन” किया हुआ “रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम” अपनाती है। इस खालिस देशी विधि के मुताबिक एक साड़ी के चारों कोनों को बारिश के दौरान खुले में बाँध दिया जाता है और उसके ढलुवाँ हिस्से के बीचोंबीच नीचे पानी एकत्रित करने के लिये एक बर्तन लगा दिया जाता है, जिससे कि एक ही विधि में पानी का इकठ्ठा होना और पानी का छनकर साफ़ होना हासिल कर लिया जाता है।

rain water harvesting
पानी पर खतरे की घंटी सुनना जरूरी
Posted on 03 Oct, 2008 09:41 AM

अनिल प्रकाश/ हिन्दुस्तान

भूमिगत जलस्रोतों को कभी अक्षय भंडार माना जाता था, लेकिन ये संचित भंडार अब सूखने लगे हैं। पिछले 50-60 बरस में डीजल और बिजली के शक्तिशाली पम्पों के सहारे खेती, उद्योग और शहरी जरूरतों के लिए इतना पानी खींचा जाने लगा है कि भूजल के प्राकृतिक संचय और यांत्रिक दोहन के बीच का संतुलन बिगड़ गया और जलस्तर नीचे गिरने लगा। केंद्रीय तथा उत्तरी चीन, पाकिस्तान के कई हिस्से, उत्तरी अफ्रीका, मध्यपूर्व तथा अरब देशों में यह समस्या बहुत गंभीर है, लेकिन भारत की स्थिति भी कम गंभीर नहीं है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में भूजल स्तर प्रतिवर्ष लगभग एक मीटर तक नीचे जा रहा है। गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में भूजल स्तर तेजी से नीचे गिर रहा है। समस्या इन राज्यों तक ही सीमित नहीं है। नीरी (नेशनल इनवायर्नमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीच्यूट) के अध्ययन में पाया गया है कि भूमिगत जल के अत्यधिक दोहन के कारण पूरे देश में जल स्तर नीचे जा रहा है।

सूखे कुंए
केनगलपलिया उप वाटरशैड-कोराटगेरी तालुका
Posted on 21 Sep, 2008 06:14 PM बंडिंग गतिविधियों के माध्‍यम से जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना-मेरागोंडानागुनी एमडबल्‍यूएस/मेरागोंडानागुनी स्थित केनगनपलिया उपवाटरशैड के सूक्ष्‍म वाटशेड की बंडिंग गतिविधियां आरंभ में बहुत धीमी थीं। इसके बावजूद एजी के अंतर्गत ही एक दल का गठन करने के लिए क्षेत्र के समूह के सदस्‍यों को एक युक्ति के बारे में बताकर कार्य आरंभ करने के लिए कहा गया। तदनुसार, यकदकट्टेहल्‍ला एजी के पांच सदस्‍य आगे आ
कावेरी विवाद आख़िर है क्या?
Posted on 19 Sep, 2008 05:29 PM

कावेरी विवाद

बीबीसी/ भारतीय संविधान के मुताबिक कावेरी एक अंतर्राज्यीय नदी है। कर्नाटक और तमिलनाडु इस कावेरी घाटी में पड़नेवाले प्रमुख राज्य हैं। इस घाटी का एक हिस्सा केरल में भी पड़ता है और समुद्र में मिलने से पहले ये नदी कराइकाल से होकर गुजरती है जो पांडिचेरी का हिस्सा है। इस नदी के जल के बँटवारे को लेकर इन चारों राज्यों में विवाद का एक लम्बा इतिहास है।

कावेरी विवाद तमिलनाडु से कर्नाटक तक फैला हुआ है
वर्तमान सुवर्ण जल कार्यक्रम का अभ्यास
Posted on 08 Sep, 2008 10:15 AM

आप देख सकते हैं कि इस अद्वितीय प्रारंभिक कार्यक्रम में पब्लिक-प्राइवेट साझेदार कितने बेहतर तरीके से कार्य कर रहे हैं। कर्नाटक के सभी जिलों के 23,000 पाठशालाओं में वर्षाजल संग्रहण! एनजीओ के साथ मिलकर 8 जिलों में किए गए मूलभूत सर्वेक्षण से प्राप्त डाटा। फोटो, आलेख, सर्वेक्षण अनुमान आदि सभी जानकारी एकत्रित करके आनलाइन उपलब्ध कराई गई है।

suwarn jal pariyojna
बातों से नहीं बनेगी बात
Posted on 07 May, 2019 01:37 PM

दो दशक पहले तक भारत में गर्मी का मौसम 3 महीने के लिए आता था। पानी की किल्लत दूसरे गर्म महीने में दस्तक देती थी। इस साल सर्दियां थोड़ी लंबी ज़रूर खिंच गई हैं, किंतु अब गर्मियां, मार्च से जून तक 4 महीने के लिए आती हैं। पानी की कमी का संकट जनवरी से ही शुरू हो जाता है। इस वर्ष मध्य और पूर्वी भारत में मानसून के कमजोर रहने का अनुमान आया है। स्पष्ट है कि पानी कुछ और तरसाएगा।

सौराष्ट्र के एक कसबे में महिला पानी के लिए जाती हुई
पसन्द आ रहा ऑर्गेनिक मार्केट
Posted on 21 Nov, 2018 04:48 PM

जैविक खेती (फोटो साभार: सिक्किम ऑर्गेनिक मिशन) गुजरात की शोभाबेन ऑर्गेनिक उत्पादों से महिलाओं को आय उपलब्ध करवा रहीं हैं। दिल्ली की काजल खुराना किचन वेस्ट के रिसाइकिल का नुस्खा बता रही हैं। इशिप्ता दत्ता और सीमा सिंह ने गुलाब व कॉफी से सौन्दर्य उत्पाद बनाए हैं। शशिकला जलकुम्भी से टोकरियाँ बना रही
जैविक खेती (फोटो साभार: सिक्किम ऑर्गेनिक मिशन)
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