झाबुआ जिला

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फ्लोराइड से जंग में खामोश जीत
Posted on 01 Apr, 2016 11:30 AM


मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में एक संगठन अकेले दम पर फ्लोराइड के खिलाफ जंग छेड़े हुये है और उसे इसमें खासी सफलता भी मिल रही है।

कालीबाईमध्य प्रदेश के झाबुआ जिले का जिक्र आते ही दिमाग में एक छवि कौंधती है। तीर कमान थामे अल्पवस्त्रों में आधुनिक संस्कृति से दूर रहने वाले भील और भिलाला जनजाति के लोग। लेकिन झाबुआ जिला मुख्यालय पहुँचकर यह छवि काफी हद तक ध्वस्त हो चुकी होती है। आधुनिक संस्कृति अब इन दूरदराज गाँवों तक पहुँच चुकी है। लोगों की नैसर्गिक निश्छलता के सिवा कमोबेश सभी चीजें बदल चुकी हैं। नहीं बदली है तो स्वास्थ्य के मोर्चे पर बदहाली। सरकारी प्रयासों से संचार के साधन तो विकसित हो गये हैं लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर जागरूकता की कमी ने राह रोक रखी है। खासतौर पर पानी में फ्लोराइड की अधिकता व उससे होने वाले नुकसान जैसी अपेक्षाकृत वैज्ञानिक समस्याओं को लेकर जागरूकता पैदा करना तो अवश्य टेढ़ी खीर रही होगी।

हलमा से बनाई हजारों जल संरचनाएँ
Posted on 17 Mar, 2016 03:08 PM
एक बार फिर आदिवासियों ने अपने श्रम की ताकत और कमाल से सबको अच
पानी के निजीकरण का खंडवा मॉडल फेल
Posted on 04 Dec, 2015 01:05 PM

पूरे देश के साथ-साथ अब मध्य प्रदेश में भी पानी के निजीकरण का मॉडल फेल होने की कगार पर पहुँच गया है। खंडवा शहर में नर्मदा नदी से पानी लाकर लोगों के घरों तक पहुँचाने के लिये प्रदेश सरकार ने एक निजी कम्पनी विश्वा से अनुबन्ध किया है। इसमें एक अरब छह करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी अब तक लोगों को साफ़ और समुचित मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा है।

24 नदियों वाला पानीदार जिला हुआ मोहताज
Posted on 18 Sep, 2015 02:44 PM

विश्व नदी दिवस, 27 सितम्बर 2015 पर विशेष

river
पानी : पेटलावद हादसे के सबब और सबक
Posted on 18 Sep, 2015 11:31 AM

सदियों से हमारी नदियों और कुओं से सहज रूप में खेतों को मिलने वाले पानी की जगह अब गाँव–गाँव सैकड़

Manish Vaidya
फ्लोराइड : जागरूकता ही इलाज है
Posted on 21 Aug, 2015 12:19 PM

इस बीमारी का भले ही कोई इलाज नहीं हो पर जन जागरूकता बढ़ाकर आम लोगों तक इसकी पूरी जानकारी देकर इ

dental fluorosis
नारू रोग की आशंका से आदिवासी पशोपेश में
Posted on 18 Aug, 2015 09:42 AM डॉ बीएस बघेल बताते हैं कि उन्हें शुरू से ही लग रहा है कि यह नारू क
water
पानी बचाने के लिए आदिवासी करते हैं पाट की खेती
Posted on 16 Aug, 2015 11:40 AM

जिन्हें हम आमतौर पर अशिक्षित और पिछड़ा हुआ समझते हैं, वे कुछ बातों में हमसे भी आगे हैं। एक तरफ हम पढ़े–लिखे समझे जाने वाले समाज के लोग खेतों में सिंचाई के लिए बड़ी तादाद में पानी का अंधाधुंध उपयोग करते हैं। हम करीब 60 फीसदी भू-जल का उपयोग सिंचाई के लिए ही कर रहे है वहीं पौधों तक पानी पहुँचाने के लिए बिजली और डीजल की बड़ी मात्रा में खपत करते हैं लेकिन दूसरी तरफ पीढ़ियों से शिक्षा और विज्ञान से दूर रह

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