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गोमती (सोम)
गोमती: एक नदी की उदास कहानी
Posted on 03 Feb, 2010 08:42 AMलखनऊ। दरअसल गोमती अवध को परमेश्वर से वरदान के रूप में मिली नदी है। शिवपुराण में नदी को आदेश दिया गया है कि वह मां बन कर जनता का लालन-पालन करे। गोमती, प्रतिकूल परिस्थितियों में भी माता की भूमिका निभा रही है, यह बात दीगर है कि अवध खासकर लखनऊ के लोग अपनी भूमिका भूल चुके हैं। ऋग्वेद के अष्टम और दशम मण्डल में गोमती को सदानीरा बताया गया है। शिव महापुराण में भगवान आशुतोष ने नर्मदा और गोमती नदियों को अपनीनहरों के भरोसे नदियों को जीवनदान
Posted on 22 Sep, 2008 07:46 PMअंबरीश कुमार/ लखनऊ के बगल में सई नदी सूखी तो उसे बचाने के लिए पानी भरा गया। लेकिन नदियों को बहाने के ऐसे औपचारिक प्रयास रारी नदी पर सफल नहीं हुए। नहर से छोड़ा गया पानी कुछ ही घंटों में सूख गया। सिचाईं विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि नदियों से नहरों को पानी मिलता है लेकिन अब सरकारी आदेश है इसलिए काश्तकारों के हिस्से का पानी नदियों में छोड़ा जा रहा है।
गोमती नदी में गंदा नाला डालने की कोशिश!
Posted on 21 Sep, 2008 11:00 PMजागरण/पीलीभीत। गोमती नदी के प्रदूषण को लेकर जहां राज्य सरकार चिंतित है, वहीं इस पौराणिक नदी के उद्गम स्थल पर गंदा नाला डालने की कोशिश की जा रही है। हालांकि मामले की शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी ने फौरी तौर पर एक्शन लेने की हिदायत मातहत अफसरों को दी है। फिलहाल इस नदी की सफाई करने की पहल यहां भी किये जाने की जरूरत है।
क्या मैदानी क्या रेतीली- सभी जगह पानी की कमी
Posted on 20 Sep, 2008 07:42 AMतलहटी में भी पेयजल की समस्या / भरावन (हरदोई)। ऐसा नहीं है कि पेयजल की समस्या केवल मैदानी क्षेत्र भरावन में ही बनी हुई है। तपती धूप और निरंतर नीचे गिरता सतर गोमती नदी तलहटी में बसें गांवों भटपुर, कटका, महीठा के डालखेड़ा, लालपुर खाले, जाजपुर, बेहड़ा, नई गढ़ी इत्यादि गांवों में भी पेयजल की समस्या से लोग जुझ रहे है। गोमती नदी के किनारे बसे भटपुर गांव व सड़क के चौराहे पर भी पेयजल की गम्भीर स
कुकरेल नदी संरक्षण अभियान : नाले को फिर नदी बनाने की जिद
Posted on 07 Dec, 2022 02:28 PM2 अक्टूबर, 2022 को महंत गोमती बाबा के नेतृत्व में कुकरैल नदी संरक्षण जन जागरण यात्रा निकाली गयी। तत्पश्चात् कुआँ, नदी, तालाब, सरोवर का विधिवत पूजन अर्चन करके प्रसाद वितरण का कार्यक्रम किया गया। आयोजन बहुत सफ्ल हहा। वर्तमान में एक बार कुओं की सफई की गयी है तथा गाँव के सभी तालाब गहरे हो गये है। सभी में जल उपलब्ध है। अमृत सरोवर का निर्माण हो चुका है, लगभग ।000 वृक्षों का रोपण हो चुका है