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धार जिल
मांडू का जल प्रबन्ध
Posted on 13 Sep, 2018 05:29 PMमध्य प्रदेश के धार जिले में विन्ध्याचल पर्वत के पठार पर मांडू का विश्व प्रसिद्ध किला स्थित है। यह किला लगभग 77.25 वर्ग किलोमीटर (48 वर्गमील) क्षेत्र में फैला है। यह किला अपने गंगा-जमुनी संस्कृति, रानी रुपमति और बाज बहादुर की प्रेम कहानी तथा अद्भुत जल प्रबन्ध के
नर्मदा परिक्रमा पथ के लिये अधिकारियों ने झोंकी ताकत
Posted on 04 Dec, 2016 12:30 PM
धार। नर्मदा परिक्रमा पथ के निरीक्षण के लिये कलेक्टर क्षेत्र में पहुँचे। कलेक्टर ने नर्मदा के तटीय इलाकों का दौरा किया। नर्मदा में बाढ़ के दौरान राहत प्रबन्धन की जानकारी भी सम्बन्धित अधिकारियों से ली। सरकार की महत्त्वपूर्ण कवायद के तहत अब ध्यान दिया जा रहा है जबकि नर्मदा पथ को पहले ही तैयार हो जाना चाहिए।
नहर किनारे खेत, फिर भी फसलों को नहीं मिल रहा पानी
Posted on 03 Dec, 2016 11:35 AMभीषण गर्मी के चलते क्षेत्र का भूजल स्तर काफी नीचे गिर गया है। जिससे कुएँ व अन्य जलस्रोतों
अब पहले आओ, पहले पाओ स्कीम से मिलेगी ड्रीपलाइन
Posted on 26 Nov, 2016 11:16 AM
धार। कम पानी की स्थिति में सिंचाई के लिये जिले के किसानों का चयन लाटरी पद्धति से किया जाता था। इस पद्धति में अब बदलाव कर पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किसानों का ऑनलाइन चयन किया जाएगा। शासन ने लाटरी सिस्टम में आ रही विसंगतियों को लेकर यह बदलाव किया है।
शौचालय निर्माण की गति सुस्त, गन्दगी से नहीं मिल रही निजात
Posted on 26 Nov, 2016 11:03 AM
धार। गाँव की दिशा और दशा बदलने के लिये डही को स्मार्ट विलेज तो घोषित कर दिया, लेकिन यहाँ शौचालय से लेकर साफ-सफाई में कोई विशेष रुचि नहीं दिखाई जा रही है। शौचालय के अभाव में लोग अब भी खुले में शौच करने जा रहे हैं, तो गाँव में जगह-जगह गन्दगी पड़ी रहती है। धार्मिक स्थानों के आसपास गन्दगी रहने से वहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को भी परेशानी उठानी पड़ती है।
बारिश हुई कम, पर पानी का नहीं गम
Posted on 13 Jul, 2015 11:51 AMजल प्रबंधन से दूर हो गयी गंगानगर कन्या आश्रम की पानी की परेशानी
मध्य प्रदेश का मालवा क्षेत्र गंभीर पेयजल संकट वाला क्षेत्र है, इसी क्षेत्र में धार जिले के गंगानगर गांव के बालिका आश्रम में ऐसा प्रयोग किया गया कि बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे इस आश्रम में झुलसती गर्मी में भी पानी की कमी नहीं होती। राजु कुमार की रिपोर्टगंगानगर आश्रम में कुशल जल प्रबंधन के तहत सबसे पहले वर्षा जल संग्रहण टैंक का निर्माण किया गया, इसमें एक 50,000 लीटर, दो 4,000 लीटर एवं एक 2,000 लीटर का फेरोसिमेंट टैंक बनाया गया। वर्षा का जल संचित करने के लिये छतों को पाइप के जरिये चारों तरफ से टंकियों से जोड़ा गया है। इसमें वर्षा जल संग्रहित होने लगा। गंगानगर आश्रम में रीयूज वाटर सिस्टम को बनाया गया है। इस सिस्टम से आश्रम के आठ स्नानघरों को जोड़ा गया।
मध्य प्रदेश में इस बार औसत से कम बारिश हुई है। पिछले कुछ सालों से पानी की गंभीर संकट झेल रहे मध्यप्रदेश के लिए यह साल कुछ अच्छा नहीं रहा। पिछले कुछ सालों से पानी को लेकर दर्जन से भी ज्यादा जानें जा चुकी हैं। गांव हो या शहर, सभी जगह पानी की किल्लत बरकरार है। प्रदेश के मालवा एवं बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की सबसे ज्यादा कमी होती है। लेकिन मालवा में एक ऐसी जगह भी है, जहां कम बारिश के बावजूद लोगों में पानी को लेकर चिंता नहीं है। वह जगह है - धार जिले के तिरला विकासखंड के गंगानगर कन्या आश्रम।पांच साल पहले तक गंगानगर कन्या आश्रम में पानी बड़ी किल्लत थी। डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित एक हैंडपंप से लड़कियां सुबह-शाम पानी लाने जाती थी, जिसमें उन्हें प्रतिदिन चार घंटे समय गंवाना पड़ता था। इसके साथ ही ग्रामीणों से बकझक और कुछ दूर स्थित बालक आश्रम के बालकों से झूमाझटकी भी करनी पड़ती थी।
पौधों का लखपति किसान
Posted on 02 Jun, 2012 10:13 AMकिसान रामजी पाटीदार नवम्बर-दिसम्बर में पौधों को बाल्टियों से पानी देते रहे हैं। लेकिन एक लाख पौधों को उबड़-खाबड़,
हाथ की सफाई के दूत बनेंगे बच्चे
Posted on 13 Oct, 2010 02:28 PMशौच के बाद मिट्टी से हाथ धोने का प्रचलन ग्रामीण भारत में समान्य रूप से देखने को मिलता है। लोगों में धीरे-धीरे इस बात को लेकर जागरूकता आई कि मिट्टी के बजाय राख से हाथ धोना चाहिए। पर आज भी लोगों में इस बात को लेकर जागरूकता नहीं है कि मिट्टी एवं राख हाथ में छिपे कीटाणुओं को साफ करने में अक्षम हैं और साबुन ही एकमात्र विकल्प है। आजकल टी.वी पर कई विज्ञापन आते हैं, जिसमें हाथ धोने के महत्व को बताया