अब पहले आओ, पहले पाओ स्कीम से मिलेगी ड्रीपलाइन

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धार। कम पानी की स्थिति में सिंचाई के लिये जिले के किसानों का चयन लाटरी पद्धति से किया जाता था। इस पद्धति में अब बदलाव कर पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किसानों का ऑनलाइन चयन किया जाएगा। शासन ने लाटरी सिस्टम में आ रही विसंगतियों को लेकर यह बदलाव किया है।

किसानों को ड्रीप लाइन वितरण के लिये चयन प्रक्रिया वाले नियमों में शासन ने नवम्बर माह में संशोधन किया है। इसकी सूचना जिले के उद्यानिकी अधिकारी को दे दी गई है। नए नियम के अनुसार किसान को ड्रीप लाइन ऑनलाइन पंजीयन के आधार पर उनके क्रम आने पर दी जाएगी। इसके लिये लाटरी सिस्टम की बजाय किसान को अपने पंजीयन नम्बर का इन्तजार करना होगा, उसी आधार पर अब ड्रीपलाइन मिलेगी।

 

क्या है पहले आओ, पहले पाओ


योजना के तहत किसान को ऑनलाइन पंजीयन करवाना होगा। इसमें प्रदेश से जो आवंटन होगा, उसे जिले से विकासखण्ड स्तर पर बाँटा जाएगा। ऑनलाइन पंजीयन में जिन किसानों का पहले पंजीयन होगा, उन्हें योजना के तहत पहले ड्रीपलाइन का वितरण किया जाएगा। शासन ने यह भी निर्देश दिये हैं कि 2014 और 2015 की लाटरी सिस्टम में जो किसान चयनित नहीं हो पाये थे। उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। उसके बाद नवीन पंजीकृत किसानों को क्रम में शामिल किया जाएगा।

 

 

 

20 दिसम्बर है अन्तिम तिथि


जिन किसानों ने 2013 से योजना में पंजीयन करवा रखा है, उन्हें अपने सभी आवश्यक दस्तावेज 20 दिसम्बर तक विकासखण्ड के उद्यानिकी कार्यालय में जमा करवाने होंगे। ऐसा नहीं करने पर उनका पंजीयन निरस्त हो जाएगा। इसके लिये विगत दिनों जिला मुख्यालय पर विकासखण्ड के उद्यानिकी अधिकारियों की बैठक हुई थी, जिसमें उन्हें योजना को नए रूप में लागू करने के निर्देश दिये गए।

 

 

 

क्या था लॉटरी सिस्टम


शासन ने 2013 में उक्त योजना में लॉटरी सिस्टम लागू किया था। इसमें जिले भर में जीतने किसान ऑनलाइन पंजीयन कराते थे, उन्हें सिस्टम में शामिल किया जाता था। शासन जिले में योजना में जितना आवंटन करती थी, उसे जिले के सभी ब्लॉक में पंजीयन के आधार पर बाँटा जाता था। विकासखण्ड स्तर पर लॉटरी निकालकर हितग्राहियों का चयन किया जाता था। इस सिस्टम में कई बार पहले पंजीयन किये किसान लॉटरी में आ ही नहीं पाते थे।

 

 

 

योजना से किसानों को मिलता है अनुदान का लाभ


योजना में 2 हेक्टेयर से कम भूमि वालेे सामान्य किसानों को 70 और अजा व अजजा वर्ग के किसानों को 80 प्रतिशत, वहीं 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले सामान्य और अजा व अजजा वर्ग के किसानों को 65 फीसदी राशि योजना में राज्य और केन्द्र सरकार द्वारा अनुदान के रूप में दी जाती है। जिले में निसरपुर, मनावर, धरमपुरी और बदनावर क्षेत्र के किसान योजना का लाभ लेेने में अव्वल रहते आये हैं। वर्तमान में जिले के उद्यानिकी विभाग को 1125 हेक्टेयर के तहत ही योजना में आवंटन मिला है, जो माँग के अनुरूप कम है।

 

 

 

लॉटरी सिस्टम कोे बन्द किया गया है


ड्रीपलाइन में लॉटरी सिस्टम कोे बन्द कर अब पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर हितग्राही को लाभ दिया जाएगा। वहीं 2014 और 2015 में लॉटरी सिस्टम में शामिल होने के बाद वंचित रहे हितग्राहियों को प्राथमिकता दी जाएगी... आशीष कनेश, जिला उद्यानिकी विभाग अधिकारी धार

 

 

 

 

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Post By: RuralWater
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