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पूर्वोत्तर भारत में अन्तर्देशीय जल परिवहन
Posted on 14 Mar, 2015 08:47 AM भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों में आपदाएँ आती रहती हैं। भू-स
प्राकृतिक आपदा के संकट में खेती-किसानी
Posted on 14 Mar, 2015 07:15 AM मध्य प्रदेश समेत पूरे देश में बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से खेती-किसानी जबरदस्त संकट में हैं। इस संकट से बेपरवाह भ्रष्ट प्रशासनिक व्यवस्था और राजनीतिक लापरवाही ने किसान को बेहद मायूस कर दिया है। किसान को जहाँ खरीफ फसल की बुवाई के दौरान सूखे ने परेशानी में डाला, वहीं ओलावृष्टि और बेमौसम बरसात ने किसान को लगभग तबाह कर दिया है। इस कुदरती आपदा का असर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश
Agriculture
बच्चों के लिए हानिकर खाद्य व्यापार
Posted on 13 Mar, 2015 09:54 AM ‘बच्चों के लिए हानिकर खाद्य व्यापार’ शीर्षक निबन्ध प्रतियोगिता में पहले, दूसरे और तीसरे पुरस्कार के लिए चयनित निबन्धों को एक-एक कर हम योजना के अंकों में प्रकाशित कर रहे हैं। इस कड़ी में यहाँ प्रस्तुत है द्वितीय पुरस्कार प्राप्त प्रविष्टि —वरिष्ठ सम्पादक
वनों को संरक्षित करता लाख उद्योग
Posted on 12 Mar, 2015 07:51 AM लाख उद्योग एक ऐसा मुनाफे का उद्योग है जो कम लागत के साथ आरम्भ किया
वॉक फॉर वाटर
Posted on 11 Mar, 2015 10:56 AM सामाजिक और प्राकृतिक रूप से आज जल संकट एक विकराल रूप धारण कर चुका है। यदि ऐसा ही हाल रहा तो कोई भी सरकार अपने नागरिकों को पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री उपलब्ध नहीं करवा पाएगी साथ ही 2025 तक हर तीन में से दो व्यक्ति पानी के संकट से जूझेंगे।

पानी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए फोर्स संस्था विश्व जल दिवस (22 मार्च 2015) के मौके पर एक पदयात्रा का आयोजन कर रही है। यह पदयात्रा सुबह 9:30 बजे राजघाट से शुरू होकर इण्डिया गेट पर 11:30 बजे खत्म होगी। इस यात्रा में केन्द्रीय जल संसाधन और गंगा विकास मन्त्री उमा भारती, दिल्ली के मुख्यमन्त्री अरविन्द केजरीवाल सहित कई नामचीन हस्तियों के शामिल होने की उम्मीद है।
जलवायु परिवर्तन से स्वास्थ्य को खतरा
Posted on 10 Mar, 2015 07:28 AM धरती संकट में है। इंसान ने अपने कर्म से अपने और अपनी भावी पीढ़ियों के भविष्य को खतरे में डाल लिया है। दुनियाभर में चिन्ता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। एक सवाल हम सब के समक्ष है कि क्या हम खुद और अपनी आने वाली पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? जवाब स्पष्ट है— अगर हम अब भी नहीं सम्भले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती जा रही है।
सिंचाई : अपर्याप्त बुनियादी ढाँचा
Posted on 10 Mar, 2015 07:16 AM जितनी सिंचाई क्षमता का उपयोग किया जा सकता था, उसके करीब 73.5 प्रति
आपदा प्रबन्धन : जरूरी है इच्छाशक्ति
Posted on 09 Mar, 2015 12:42 PM आपदा प्रबन्धन का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि सरकार की ओर से इच्छ
आपदा प्रबन्धन की कमजोरियाँ
Posted on 09 Mar, 2015 12:38 PM आपदाओं में अक्सर मानवता खण्डित होती दिखती है लेकिन हमें धीरज और वि
भूकम्परोधी भवन : समस्याएँ और सुझाव
Posted on 08 Mar, 2015 12:50 PM भूकम्पीय समस्या के समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम इस तथ्य को स्
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