Posted on 23 Feb, 2015 10:01 AMनई दिल्ली। दिल्ली के नए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव से पहले दिल्ली की जनता से वादा किया था कि राजधानी में उनकी सरकार बनने के 72 घण्टे बाद ही लोगों को पेयजल संकट से मुक्त कराने का उपाय किया जाएगा। लेकिन केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के 8 दिन बाद भी दिल्ली के कई इलाकों में पेयजल संकट बरकरार है।
Posted on 22 Feb, 2015 01:13 PMबाढ़ व भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदाओं को रोकने, फसलों की गुणवत्ता बढ़ाने व पानी को बेकार जाने से रोकने के लिए हमें भूमि के गर्भ में जलसंचय करने की तकनीक को अपनाना होगा। इजराइल में भूमि के गर्भ में जल संचयन की तकनीक के सन्दर्भ एक दृष्टिकोण प्रस्तुत कर रहे हैं डॉ. भरत झुनझनवाला।
Posted on 22 Feb, 2015 11:40 AMदुनिया का भू-जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। दुखद और चिन्ताजनक बात ये है कि कम हो रहे भू-जल की इस विकट समस्या से निपटने के लिए अब तक वैश्विक स्तर पर कोई भी ठोस पहल होती नहीं दिखी है। ये एक कटु सत्य है कि अगर दुनिया का भू-जल स्तर इसी तरह से गिरता रहा तो आने वाले समय में लोगों को पीने के लिए भी पानी मिलना मुश्किल हो जाएगा। हालाँकि ऐसा कतई नहीं है कि कम हो रहे पानी की इस समस्या का हमारे पास कोई सम
Posted on 22 Feb, 2015 10:22 AMइस वक्त देश में मोदी सरकार द्वारा किए गए भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन अध्यादेश के खिलाफ व्यापक घेराबन्दी शुरू हो चुकी है। इस मसले पर पहली बार राजनीतिक और गैर राजनीतिक संगठनों के बीच गहरी सहमति दिखाई दे रही है। बहुमत की सरकार होने के बाद जिस जल्दबाजी में मोदी सरकार ने अध्यादेश का सहारा लिया वह सरकार की नीति और नीयत पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। भूमि अधिग्रहण कानून में हुए संशोधन पर मोदी सरकार क
Posted on 22 Feb, 2015 10:20 AMअन्ना ने दिखाई भूमि अधिकार चेतावनी यात्रा को हरी झण्डी और कहा देश के किसान जल, जंगल और जमीन के मालिक सरकार इस किसान विरोधी अध्यादेश को वापस ले : पी.वी. राजगोपाल सरदार सरोवर का पानी किसानों को न दे कोका कोला को दे रही है सरकार : मेधा पाटेकर आंदोलन की भाषा समझती है सरकार : राजेन्द्र सिंह
Posted on 21 Feb, 2015 10:58 AMजनवरी 2015 में दिल्ली में आयोजित भारत जल सप्ताह में पर्यावरणविदों द्वारा जारी चिन्ताओं को नजरअन्दाज कर भाजपा नीत सरकार नेे घोषणा की कि प्राथमिकता के आधार पर हर हालत में नदियाँ आपस में जोड़ी जाएँगी एवं रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर किया जाएगा। अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार ने सन् 2002 में 5,67,000 करोड़ रु. की नदी जोड़ योजना को अमृत क्रान्ति नाम देकर प्रारम्भ किया था।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार इसे दिसम्बर 2016 तक पूरा किया जाना था। इस योजना के पीछे प्रमुख तर्क यह दिया गया था कि इससे सिंचाई एवं बिजली उत्पादन में जो बढ़ोतरी होगी जिससे सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) लगभग 4 प्रतिशत बढ़ेगी। इसके अन्तर्गत लगभग 3 करोड़ 50 लाख हेक्टेयर में सिंचाई तथा 34 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन की सम्भावना बताई गई थी।