डॉ.ओ.पी.जोशी

डॉ.ओ.पी.जोशी
नदी जोड़ने के खतरे
Posted on 21 Feb, 2015 10:58 AM
जनवरी 2015 में दिल्ली में आयोजित भारत जल सप्ताह में पर्यावरणविदों द्वारा जारी चिन्ताओं को नजरअन्दाज कर भाजपा नीत सरकार नेे घोषणा की कि प्राथमिकता के आधार पर हर हालत में नदियाँ आपस में जोड़ी जाएँगी एवं रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर किया जाएगा। अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार ने सन् 2002 में 5,67,000 करोड़ रु. की नदी जोड़ योजना को अमृत क्रान्ति नाम देकर प्रारम्भ किया था।

सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार इसे दिसम्बर 2016 तक पूरा किया जाना था। इस योजना के पीछे प्रमुख तर्क यह दिया गया था कि इससे सिंचाई एवं बिजली उत्पादन में जो बढ़ोतरी होगी जिससे सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) लगभग 4 प्रतिशत बढ़ेगी। इसके अन्तर्गत लगभग 3 करोड़ 50 लाख हेक्टेयर में सिंचाई तथा 34 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन की सम्भावना बताई गई थी।
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