Posted on 03 Apr, 2015 10:19 AMमहज और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की योजना से नदी साफ नहीं होने जा रही
नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण (एनजीआरबीए), जो कि 2009 में गठित की गई थी, की पाँचवीं बैठक की अध्यक्षता करने की तैयारी में है। गंगा एक्शन प्लान (जीएपी) के नाकाम होने के कार्यकर्ताओं के दावे और सार्वजनिक विरोध और आन्दोलन के बाद एनजीआरबीए बनाया गया और प्रधानमन्त्री के अध्यक्ष होने के नाते यह संस्था गंगा के पुनर्जीवन की सर्वोच्च इकाई बन गई।
सन् 1986 में तत्तकालीन प्रधानमन्त्री राजीव गाँधी ने 2525 किलोमीटर लम्बी शक्तिशाली नदी की सफाई के लिये जीएपी की शुरुआत की थी।
सन् 2009 में जीएपी का फिर से शुभारम्भ किया गया और नदी घाटी प्राधिकरण को इसका प्रभारी बनाया गया। एनजीआरबीए का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि प्रदूषण का प्रभावी ढंग से नियन्त्रण हो और नदी का संरक्षण हो।
Posted on 02 Apr, 2015 03:34 PMसाफ पानी की कम होती उपलब्धता के बारे में संयुक्त राष्ट्र की यह पहली चेतावनी नहीं है। बढ़ते पेयजल संकट के बारे में वह हर साल दो बार अपनी रिपोर्ट जारी करता है। आंकड़ो के जरिए स्थिति की गम्भीरता को दिखाता है, उन तौर-तरीकों के बारे में चेताता है जिनसे साफ पानी की किल्लत बढ़ रही है। चेतावनी पर दुनिया ने कितना ध्यान दिया है, इस बारे में कोई क्या बताये संयुक्त राष्
Posted on 02 Apr, 2015 03:08 PMसामाजिक और प्राकृतिक रूप से आज जल संकट एक विकराल रूप धारण कर चुका है। यदि ऐसा ही हाल रहा तो कोई भी सरकार अपने नागरिकों को पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री उपलब्ध नहीं करवा पायेगी साथ ही 2025 तक हर तीन में से दो व्यक्ति पानी के संकट से जूझेंगे।
वॉक फॉर वाटर कार्यक्रम जो कि विश्व जल दिवस 22 मार्च 2015 को इण्डिया गेट पर होना तय था, लेकिन किन्हीं अपरिहार्य कारणों की वजह से स्थगित हो गया था। अब इसी कार्यक्रम को फोर्स संस्था 10 अप्रैल 2015 को जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में कर रही है। सभी प्रतिभागियों को स्टेडियम के गेट नम्बर एक से ही प्रवेश करना होगा। यह कार्यक्रम सुबह 10:00 बजे से दिन के 12:00 बजे तक चलेगा। इस कार्यक्रम में कई नामचीन हस्तियों के शामिल होने की उम्मीद है।
Posted on 02 Apr, 2015 01:56 PMआज मानव सभ्यता विकास के चरम पर है। भौतिक एवं तकनीकी प्रगति ने जीवन को बहुत आसान बना दिया है। तेज चलती कारें, हवा से बात करती हवाई जहाज एवं एक सेकेंड में ही लाखों किमी दूर बैठे स्वजन से मोबाइल पर बात की जा सकती है। आज के सौ साल पहले ये सब बातें सोची भी नहीं जा सकती थीं। लेकिन भौतिक एवं तकनीकी प्रगति की इस आपसी प्रतिस्पर्धा ने आज मानव जीवन को बहुत खतरे में डाल
Posted on 02 Apr, 2015 11:30 AMनई दिल्ली। राम नवमी के मौके पर राजधानी में शनिवार को श्रद्धालुओं ने पूजा-सामग्री विसर्जित कर यमुना को गन्दा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यमुना के तमाम घाट पूजा सामग्री और अन्य प्रकार की गन्दगी से पटे हुए थे। कोई भी सिवीक एजेन्सी घाटों को साफ रखने की दिशा में दिखाई नहीं दी। बता दें, इसी साल 13 जनवरी को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने यमुना को प्रदूष