श्रद्धालुओं ने यमुना को किया और मैली

नई दिल्ली। राम नवमी के मौके पर राजधानी में शनिवार को श्रद्धालुओं ने पूजा-सामग्री विसर्जित कर यमुना को गन्दा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यमुना के तमाम घाट पूजा सामग्री और अन्य प्रकार की गन्दगी से पटे हुए थे। कोई भी सिवीक एजेन्सी घाटों को साफ रखने की दिशा में दिखाई नहीं दी। बता दें, इसी साल 13 जनवरी को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने यमुना को प्रदूषण से बचाने के लिए कार्य निर्देश जारी किए थे, जिसमें नदी में कूड़ा या धार्मिक सामग्री डालने वाले पर पाँच हजार रुपए का जुर्माना भी शामिल है।

यमुना के ऊपर बने तमाम पुल और फ्लाईओवर से ही लोग बेझिझक पूजा सामग्री नदी में डालते हुए नजर आए। पुल पर बाकायदा जालियाँ लगी हुई हैं, लेकिन इनको भी काट डाला गया। खास बात ये थी कि लोग गाड़ियों से उतरते ही थे कि पुल पर खड़े गरीब बच्चे उनकी सेवा में हाजिर हो जाते थे। इसके बदले उन्हें कुछ रुपए भी मिल जाते थे। कुछ श्रद्धालु ऐसे थे, जो यमुना नदी में पूजा सामग्री विसर्जित करने के लिए बाकायदा नाव का सहारा ले रहे थे और लोग प्रति व्यक्ति 30 रुपए देने को भी तैयार थे।

आइटीओ घाट पर आए महावीर प्रसाद का कहना था कि किनारे पर बेहद गन्दगी है और ऐसे में नाव के सहारे साफ जल में पूजा सामग्री विसर्जित करना जरूरी हो गया है। श्रद्धालु मोहन सिंह का कहना है कि लोगों को जुर्माने से डर कैसे लगेगा, जब कोई यहाँ हमें रोकने वाला ही नहीं है। उधर, नाविक बिसंबर का कहना है कि पुलिसवाले की मनाही है, लेकिन लोगों की जीद के कारण हमें अपनी सेवा देनी पड़ रही है। श्रद्धालुगण प्रदूषण के बारे में सब जानते हैं, लेकिन उनकी दलील है कि जब गन्दे नालों को यमुना में प्रवाहित होने से सरकार नहीं रोक पा रही है, तो पूजा सामग्री विसर्जन पर रोक कैसे लग पायेगी।

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