दिल्ली

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खनिज विकास और पर्यावरण (Mining and Environment)
Posted on 17 Sep, 2015 04:47 PM

खनन के कारण पर्यावरण को होने वाला नुकसान गम्भीर चिन्ता का विषय है। लेखक का कहना है कि इस कार्य

पर्यावरण और व्यापार : कुछ मुद्दे
Posted on 17 Sep, 2015 04:10 PM

कुछ विकसित देशों ने विकासशील देशों पर पर्यावरण सम्बन्धी जो शर्तें लगाई हैं उनसे भारत के चमड़े और कपड़े के निर्यात को गम्भीर खतरा उत्पन्न हुआ है। लेखक ने आगाह किया है कि इससे कृषि पदार्थों के निर्यात पर भी असर पड़ सकता है। अपने व्यापारिक साझेदारों की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारतीय उद्योगों को पर्यावरण सम्बन्धी उच्च मानक अपनाने होंगे।

environment and industry
सभ्यता की जननी हैं नदियाँ
Posted on 17 Sep, 2015 03:34 PM

विश्व नदी दिवस, 27 सितम्बर 2015 पर विशेष


पानी का चंचल रूप है नदी। यह अपने कछार में बसे लोगों की जीवनरेखा है। नदी के कारण कृषि सम्भव हुआ। जो शिकारी था, वह किसान बन गया। उसे शिकार की भागदौड़ से मुक्ति मिली। वह एक जगह घर बसा कर कला, धर्म, आध्यात्म, विज्ञान और साहित्य की ओर अग्रसर हो सका। हजारों वर्षों से मनुष्य नदी की ओर खिंचता चला आया है।

संस्कृतियों का जन्म नदियों की कोख से हुआ है। नदी हमारी आत्मा को तृप्त करती है। नदी हमारी चेतना का प्रवाह भी है।

इन शास्त्रीय उल्लेखों के अलावा नदियों के बारे में अनेक साहित्यिक अभिव्यक्तियाँ भी मिलती हैं। जैसे नदियाँ राष्ट्रों की माताएँ हैं और पर्वत पिता। पिता निष्चेष्ट, निर्बन्ध और चिन्तामुक्त निर्द्वन्द्व पुरुष है तो नदियाँ सचेष्ट, गतिशील-मुक्तिदात्री एवं रसवती सरस्वती हैं। शून्य में स्वच्छन्द विचरण करने वाले मेघ जब क्षितिज की शय्या पर हलचल मचाकर रिक्त हो जाते हैं तब माता पृथ्वी उस तेजोदीप्त जीवन-पुष्प को अपनी सरितन्तुओं द्वारा धारण करती है।

river
प्रतिमत: जैविक खाद और प्राकृतिक कृषि (Organic manure and natural farming)
Posted on 17 Sep, 2015 12:36 PM

इस विश्लेषण में लेखक ने उर्वरकों के प्रयोग के सम्बन्ध में किसी भी प्रकार के सख्त रवैये के खिलाफ

मरुस्थलीकरण: समस्याएँ और सम्भावित समाधान (Desertification : Problems and Possible Solutions)
Posted on 17 Sep, 2015 12:26 PM

प्राकृतिक तथा मानवीय गतिविधियों में तेजी के कारण उपजाऊ जमीन का मरुस्थल में बदलाव तथा इसकी वजह स

आदिवासी और वन प्रबन्धन
Posted on 17 Sep, 2015 12:17 PM

वनों की सुरक्षा पर आधारित राज्य वन प्रबन्धन प्रणाली और अनेक कठोर उपायों के बावजूद न तो वनों का

आया मौसम प्रदूषण का
Posted on 17 Sep, 2015 12:15 PM

विश्व नदी दिवस, 27 सितम्बर 2015 पर विशेष

river pollution
सभ्यता की वाहक है नदी
Posted on 17 Sep, 2015 09:51 AM

विश्व नदी दिवस, 27 सितम्बर 2015 पर विशेष


नदी और समाज के बीच कई हजारों साल पुराना मजबूत और आत्मीय किस्म का रिश्ता रहा है। अब तक का इतिहास देखें तो दुनिया की तमाम सभ्यताएँ नदियों के किनारे ही पली–बढ़ी और अतिश्योक्ति नहीं होगी कि नदियों के कारण ही सैकड़ों सालों तक उनका अपना अस्तित्व भी बना रहा।
river
गंगा जल
Posted on 17 Sep, 2015 08:36 AM जिस तट मुकुलित हुई मनुजता
चलता है जिससे जीवन
विकसित हुई सभ्यता जिससे
आलोकित होता जन-मन

निर्मल शीतल धवल चाँदनी
में कल-कल लहराती है
स्वप्न सजाती है नयनों में
पल-पल जागी बहती रहती है

आँसू बहते रहते माँ के
सागर खारा हो जाता है
तट तट मेले-उत्सव सजते
तन मैला क्यों रह जाता है

सदियों से निर्मलता देता
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