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नरेगा- दिशा निर्देश
Posted on 23 Sep, 2009 08:26 AM
इस अध्याय में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम के मुख्य प्रावधानों का सारांश दिया गया है जिसमें केन्द्रिय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी अधिकारिक दिशा निर्देश का भी समावेश किया गया है।

2.1 अधिनियम के उद्देश्य
नरेगा-संदर्भ एवं राष्ट्रीय महत्त्व
Posted on 22 Sep, 2009 10:22 PM

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम:संदर्भ एवं राष्ट्रीय महत्त्व



1.1 संदर्भ
आर्थिक वृद्धि दर में बढ़त और स्टाक मार्केट की आक्रमक चढ़ाई ने भारत को दुनिया की सबसे आकर्षक अर्थव्यवस्थाओं की श्रेणी में ला खड़ा किया है। भारत ने विदेशी निवेश के मामले में तो अमेरिका को भी विश्व के दूसरे स्थान से हटा दिया है। अब इस संदर्भ में प्रथम स्थान पर चीन के बाद भारत की ही गिनती होती है। किन्तु यह अप्रत्याशित प्रदर्शन भारत की उस दुखती रग को छिपाता है जिसको लोगों ने 2004 के ऐतिहासिक चुनावों में अपने मत के माध्यम से उजागर किया -
भूमिका
Posted on 22 Sep, 2009 07:21 PM
दिसंबर 2005 में भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने समाज प्रगति सहयोग से निवेदन किया कि हाल ही में पारित राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारण्टी अधिनियम पर संस्था एक प्रशिक्षण पुस्तक तैयार करे। इससे पूर्व समाज प्रगति सहयोग ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यू.एन.डी.पी) द्वारा नई दिल्ली में आयोजित एक बैठक में प्रशिक्षण पुस्तक के संभावित आकार पर एक प्रस्तुति की थी। अप्रैल 2006 तक पुस्तक का पहला मसौद
हाथ उठें निर्माण में
Posted on 22 Sep, 2009 07:11 PM

आज देश में विश्वास और विश्वसनीयता कासंकट पैदा हो गया है। दूर-दराज़ के ग्रामीणआदिवासी क्षेत्रों में तो एकता का यह सूत्रा बहुतही कमज़ोर है। हम सभी को अपने ग्रामीण,आदिवासी भाई-बहनों की ओर हाथ बढ़ाना है,उनके दुख-दर्द, उनकी वेदना को समझना हीनहीं, अनुभव भी करना है। विकास की एक नवीनपरिभाषा स्थापित करनी है। इस सृजनात्मक संघर्षमें देश के युवा वर्ग का नेतृत्व रहेगा, ऐसी मेरीआशा है। इस संघर्ष में आवश्य
जलागम कार्य प्रशिक्षण पुस्तक
Posted on 22 Sep, 2009 06:47 PM

राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारण्टी अधिनियम


जलागम कार्य प्रशिक्षण पुस्तक


 

बाबा आमटे लोक सशक्तिकरण केन्द्र


समाज प्रगति सहयोग
जुलाई 2006

नर्मदा अंचल की मिट्टियाँ
Posted on 22 Sep, 2009 12:14 PM
मिट्टी सदियों में बनती है, इसका नदियों में बह जाना अच्छी बात नहीं है। मिट्टी का बनना एक अत्यंत धीमी प्राकृतिक प्रक्रिया है । उपजाऊ मिट्टी खोना मूल्यवान संपत्ति खोने जैसा ही है क्योंकि इसी पर हमारी कृषि और अर्थव्यवस्था आधारित है । नर्मदा अंचल में पाई जाने वाली मिट्टियाँ इस अंचल की समृद्धि का आधार हैं । परन्तु वनों का घनत्व कम होते जाने और भू-क्षरण के नियंत्रण पर जरूरत से काफी कम ध्यान दे पाने के का
कम पानी में भी हो सकती है धान की अच्छी पैदावार
Posted on 09 Sep, 2009 10:08 PM

 

सूखा प्रतिरोधी धान की खेती करना अब मुमकिन हो गया है। शुक्र है कि गेहूं की तरह अब चावल उगाने के लिए तकनीक उपलब्ध हो गई है। इसका मतलब यह हुआ कि धान के खेत को हमेशा पानी से भरा हुआ रखे बिना भी इसकी खेती की जा सकती है। नई तकनीक से धान की फसल के लिए पानी की जरूरत में 40 से 50 फीसदी तक कम करने में मदद मिलेगी।

 

एक लाख जल निकायों की बहाली (रिपेयर, रिनोवेशन, रिस्टोरेशन वाटरबॉडीज स्कीम)
Posted on 09 Sep, 2009 12:17 PM

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 4000 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत पर घरेलू समर्थन के साथ, 9 लाख हेक्टेयर के जलग्रहण क्षेत्र वाले एक लाख जल निकायों की बहाली, मरम्मत और नवीनीकरण करने की योजना को मंजूरी दे दी है। योजना के पूरा होने के बाद लगभग 4 लाख हेक्टेयर.
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