दिनांक : 23 नवम्बर 2009 (सोमवार) से 27 नवम्बर 2009 (शुक्रवार) तक
तृतीय जेंडर, वाटर एंड इक्विटी ट्रेनिंग वर्कशॉप का आयोजन इस वर्ष दक्षिण एशिया में आयोजित करने का फ़ैसला किया गया है। यह आयोजन 23 से 27 नवम्बर 2009 के बीच होगा जिसके आयोजन स्थल के बारे में जानकारी बाद में दी जायेगी।
इस वर्कशॉप में सहभागिता के क्या-क्या लाभ हैं -
इस कार्यक्रम में शामिल होकर इसकी मदद से आप जान पायेंगे -
1) महिलाओं तथा उनकी भागीदारी के मुद्दों को केन्द्र में रखकर पानी के सन्दर्भ में उसकी वृहत्तर राजनैतिक महत्ता के बारे में जानकारी।
2) महिलाओं, पानी और भागीदारी के मुद्दों पर प्रतिभागियों के दृष्टिकोण को मजबूत करना।
3) पानी से सम्बन्धित मुद्दों, योजनाओं और उनके क्रियान्वयन में महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चित करने के सम्बन्ध में एक विश्लेषणात्मक पहल करना।
इस वर्कशॉप में कौन सहभागी हो सकता है?
मझोले स्तर के गैर-सरकारी संगठन, दानदाता एजेंसियों के प्रतिनिधि तथा जल प्रबन्धन के काम में लगी हुईं संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियाँ, पेशेवर कार्यकर्ता, शोधकर्ता, केन्द्र और राज्य की विभिन्न जल परियोजनाओं में काम करने वाले अधिकारी, सभी इसमें शामिल हो सकते हैं। अफ़गानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल और पाकिस्तान से आवेदक इस कार्यशाला में शामिल हो सकते हैं। इसमें सहभागिता हेतु आवेदन पत्र भेजने की अन्तिम तिथि 30 अगस्त 2009 है। चुने गये प्रतिभागियों के लिये ट्रेनिंग आदि की सम्पूर्ण व्यवस्था की जायेगी।
इस ट्रेनिंग कार्यशाला का आयोजन टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज़ और साईवाटर (SaciWATER) के संयुक्त तत्वावधान में SOPPECOM तथा जेंडर एंड वाटर अलायंस द्वारा किया जा रहा है।
कार्यक्रम के विवरण के लिए संलग्नक(Attachment) देखें
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