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भारत
कृषि क्षेत्र में बढ़ती महिला उद्यमी
Posted on 24 Jul, 2023 04:22 PMभारत में पिछले कुछ वर्षों के दौरान कृषि के क्षेत्र में बहुत तेजी से कई बदलाव और परिवर्तन देखने को मिले हैं। पंजाब और हरियाणा जैसे समृद्ध राज्यों के किसान तो कई दशकों पहले ही आधुनिक खेती में मशीन और नई तकनीक के प्रयोग के महत्व को समझ गए थे लेकिन अब बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी किसानों की सोच बदल रही है और सबसे दिलचस्प तथ्य तो यह है कि इस बदलती सोच के पीछे एक बड़ी वजह मह
![कृषि क्षेत्र में बढ़ती महिला उद्यमी, फोटो क्रेडिट: कुरुक्षेत्र](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-07/%E0%A4%95%E0%A5%83%E0%A4%B7%E0%A4%BF%20%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%20%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82%20%E0%A4%AC%E0%A4%A2%E0%A4%BC%E0%A4%A4%E0%A5%80%20%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE%20%E0%A4%89%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%AE%E0%A5%80.png?itok=Sd2DoZf_)
जैविक खेती की संभावनाएं
Posted on 22 Jul, 2023 01:20 PMदुनिया के कई देशों के उपभोक्ता अब जैविक,खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता दे रहे हैं। वैश्विक बाज़ार में भारत के जैविक कृषि उत्पादों की भी मांग बढ़ रही है। ऐसे में भारत के कृषि उत्पादों जैव खाद्य पदार्थों के रूप में लोकप्रिय बनाया जा सकता है। इससे भारत बाकी दुनिया के लोगों के लिए महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है। साथ ही, जैविक खेती को बढ़ावा देने से कृषि उपादानों पर खर्च कम हो सकेगा।
![आलू की जैविक खेती,फोटो क्रेडिट:- विकिपीडिया](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-07/%E0%A4%86%E0%A4%B2%E0%A5%82%20%E0%A4%95%E0%A5%80%20%E0%A4%9C%E0%A5%88%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%95%20%E0%A4%96%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A5%80.png?itok=UNilUHQ6)
नदियां और हम (भाग-2)
Posted on 21 Jul, 2023 05:40 PMपवित्रता: एक सामाजिक आदर्श
अतः जो लोग इस भ्रम में पड़कर दुःखी रहते हैं कि किसी पुण्य पर्व में पवित्र स्नान मात्र को कोई परम्परानिष्ठ हिन्दू सचमुच मुक्ति का अंतिम आश्वासन मानता है, वे भारतीयता से अपरिचित ऐसे लोग हैं, जिन्हें या तो अज्ञानी कहा जा सकता है या फिर फासिस्ट, क्योंकि वे जानबूझकर दूसरों के मत का अर्थक्षय करते हुए उन्हें इसी आड़ में दबाना- अनुशासित करना
![नदियां और हम,फोटो क्रेडिट ; विकिपीडिया](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-07/%E0%A4%A8%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%82%20%E0%A4%94%E0%A4%B0%20%E0%A4%B9%E0%A4%AE_0.png?itok=mzvEF9bn)
नदियां और हम (भाग-1)
Posted on 21 Jul, 2023 05:24 PMनदियां और हम
किसी समाज की विश्व-दृष्टि का एक लक्षण यह है कि वह अपने प्राकृतिक परिवेश को, उसके विभिन्न अवयवों को किस रूप में देखता-समझता है । यदि समाज और संस्कृति का अर्थ बोध और जीवन-व्यवहार है, तो मानना होगा कि विश्व दृष्टि के मूलतः बदल जाने का अर्थ है राष्ट्रीय संस्कृति का बदल जाना, उसका रूपांतरण ।
![नदियां और हम, फोटो क्रेडिट:विकिपीडिया](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-07/%E0%A4%A8%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%82%20%E0%A4%94%E0%A4%B0%20%E0%A4%B9%E0%A4%AE.png?itok=qcB9sm5X)
जलवायु अनुकूल खेती
Posted on 20 Jul, 2023 03:35 PMजलवायु परिवर्तन अब सैद्धांतिक बौद्धिक परिचर्चा से बाहर निकल कर वास्तविकता बन चुका है। साल-दर-साल न सिर्फ भारत में, बल्कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों की खबरें आम हो चली हैं। ये दुष्प्रभाव लगभग हर क्षेत्र में मानवता के अस्तित्व पर संकट के रूप में उभरे हैं और कृषि इनमें सबसे प्रमुख है। एक और विश्व की जनसंख्या लगातार बढ़ती जा रही है तो दूसरी ओर, जलवायु परिवर्तन के
![जलवायु अनुकूल खेती,फोटो क्रेडिट-विकिपीडिया](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-07/%E0%A4%9C%E0%A4%B2%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A5%81%20%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%95%E0%A5%82%E0%A4%B2%20%E0%A4%96%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A5%80.jpg?itok=oavzL3kN)
कोयला-आधारित स्टील निर्माण क्षमता बढ़ी, इसकी कीमत पर्यावरण को चुकाना होंगी
Posted on 20 Jul, 2023 02:44 PMग्लोबल एनर्जी मॉनिटर (Global Energy Monitor) की ताजा रिपोर्ट यह कहती है कि दुनिया में स्टील उत्पादन के लिए ‘ब्लास्ट फर्नेस- बेसिक ऑक्सीजन फर्नेस’ पद्धति का इस्तेमाल करने वाली कोयला आधारित उत्पादन क्षमता वर्ष 2021 के 350 एमटीपीए के मुकाबले 2022 में बढ़कर 380 एमटीपीए हो गयी है। यह ऐसे वक्त हुआ है जब लंबी अवधि के डीकार्बनाइजेशन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए दुनिया की कुल उत्पादन क्षमता
![कोयला-आधारित स्टील निर्माण क्षमता बढ़ी,क्रेडिट फोटो:- Wikepdia](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-07/%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%AF%E0%A4%B2%E0%A4%BE.png?itok=tJUFufDF)
जल प्रबंधन में प्रशिक्षित पेशेवरों की बढ़ती जरूरत
Posted on 19 Jul, 2023 11:34 AMजल संरक्षण व प्रबंधन पर अब विभिन्न सरकारें और औद्योगिक प्रतिष्ठान भी ज्यादा जोर दे रहे हैं। इन समस्याओं से निपटने के लिए जल प्रबंधन के पेशेवरों की जरूरत बढ़ रही है। ये ऐसे प्रशिक्षित लोग होते हैं, जिन्हें वॉटर हार्वेस्टिंग, वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट तथा वॉटर रिसाइक्लिंग की अच्छी समझ होती है।
![जल प्रबंधन में प्रशिक्षित पेशेवर,PC-नीड पिक्स](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-07/download%20%2810%29.jpg?itok=NGzO71n7)
सतत कृषि विकास के लिए प्रौद्योगिकी
Posted on 17 Jul, 2023 05:59 PMकिसान ऐसी सतत कृषि प्रणालियां विकसित कर सकते हैं जो उन्नत तकनीकों को अपना कर पर्यावरण, सामाजिक और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देती हैं। हालांकि यह ध्यान रखना आवश्यक है कि प्रौद्योगिकी कोई जादुई समाधान नहीं है और सतत कृषि के लिए इसे अन्य सतत कृषि पद्धतियों जैसे मृदा संरक्षण, फसल चक्रण और एकीकृत कीट प्रबंधन के साथ लागू किया जाना चाहिए।
![सतत कृषि विकास के लिए प्रौद्योगिकी, फोटो क्रेडिट:विकिपीडिया](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-07/%E0%A4%B8%E0%A4%A4%E0%A4%A4%20%E0%A4%95%E0%A5%83%E0%A4%B7%E0%A4%BF%20%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B8%20%E0%A4%95%E0%A5%87%20%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%8F%20%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%8C%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A5%80.jpg?itok=hYzpzgls)
भारत में शहरी बाढ़ की बढ़ती घटनायें
Posted on 15 Jul, 2023 03:28 PMपिछले कई वर्षों से भारत में शहरी बाढ़ की घटनाओं में वृद्धि हो रही है, जिससे भारत के प्रमुख शहर गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। एशियन विकास बैंक के अनुसार भारत में आने वाली बाढ़ों से प्रति वर्ष लगभग 14,500 करोड़ रुपयों का नुकसान होता है। वर्ष 2000 से लेकर अब तक की शहरी बाढ़ की प्रमुख घटनाओं में अगस्त 2000 में हैदराबाद, जुलाई 2003 में दिल्ली, जुलाई 2005 में मुंबई, अगस्त 2006 में सूरत सितम्बर 2014
![भारत में शहरी बाढ़ की बढ़ती घटनायें,फोटो क्रेडिट:-विकिपीडिया](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-07/%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4%20%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82%20%E0%A4%B6%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A5%80%20%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%A2%E0%A4%BC.jpg?itok=9nNBKRR4)