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भारत
हिमालय का भूगोल बदल देगा नया वन कानून
Posted on 27 Oct, 2023 05:22 PMसंसद के मानसून सत्र में नया वन (संरक्षण) कानून संसद यानी वन (संरक्षण एवं संवर्द्धन) विधेयक पारित हो गया। वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के बदले आने वाले इस कानून की विशेषता है कि इसमें अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से 100 किमी.
![हिमालय का भूगोल बदल देगा नया वन कानून](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/HIMLAYAAN.jpeg?itok=s7lWQtPl)
भूस्खलन और अनियोजित भूमि योजना ढहा रहे कहर
Posted on 27 Oct, 2023 05:12 PMजहां एक तरफ देश में भारी बारिश और भूस्खलन से पहाड़ी राज्यों में तबाही जारी है, दूसरी तरफ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा प्रकाशित 2019 रणनीति दस्तावेज से कुछ चौंकाने वाले तथ्य प्रकाश में आए हैं ये किस प्रकार विचारहीन शहरी नियोजन तथा निर्माण संबंधी कानूनों और विस्तृत भूमि उपयोग नीति के अभाव ने इस समस्या को अधिक व्यापक बनाया। आपदाएं आती रहीं फिर भी इनसे संबंधित चिंताओं को बार- बार नजरअं
![भूस्खलन और अनियोजित भूमि योजना ढहा रहे कहर](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/BHUSKHALAN.jpeg?itok=6Ulm-E91)
वायु गुणवत्ता प्रबंधन में करियर के विविध अवसर
Posted on 21 Oct, 2023 04:10 PMये तारीख थी 5 जून 1972 और स्थान था स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम जब सभी देशों ने एक स्वर से वायु प्रदूषण की परिभाषा की अंगीकार किया. बाद में आर्गेनाइजेशन फॉर इकनॉमिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (OECD) ने इस पर मुहर भी लगाई यह कुछ यों थी किसी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष मानवीय गतिविधि के माध्यम से नुकसानदेह और/अथवा प्राकृतिक व कृत्रिम सामग्री को वातावरण में छोड़ना।
![वायु गुणवत्ता प्रबंधन में करियर](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/jobs%20in%20air%20quality%20.jpeg?itok=J0vtJNo-)
स्वच्छता उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए लोगों की भागीदारी महत्वपूर्ण है
Posted on 21 Oct, 2023 02:36 PMस्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष के दौरान महात्मा गांधी ने या प्रसिद्ध उक्ति कही थी स्वच्छता स्वतंत्रता से अधिक महत्वपूर्ण है यह मानते हुए कि हमारे राष्ट्र के उज्जवल भविष्य की यात्रा हमारे परिवेश की स्वच्छता और हमारे लोगों के कल्याण के साथ शुरू होनी चाहिए।
![स्वच्छ भारत मिशन](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/sainitation.jpeg?itok=H3XM0CR4)
क्या किया जा सकता था और क्या किया जाना चाहिए !
Posted on 21 Oct, 2023 11:20 AMऐसा लगता है कि बहस बहुत सीमित दायरे में हो रही है। वर्तमान आपदा ने हमें विचार-विमर्श तथा मंथन के लिये विवश किया है। राज्य व्यवस्था अपनी स्वाभाविक जिम्मेदारी, जो उत्तराखंड़ जैसे पर्वतीय राज्य में और भी केन्द्रीय हो जाती है, से यह विचार विकसित नहीं कर सकी है। पुरानी कहानी छोड़ दें तो भी नये राज्य को जन्मे 22 साल होने जा रहे हैं। इस बीच राज्य के पारिस्थितिक इतिहास को ठीक से पढ़ लिया जाना चहिये था।
![केदारनाथ आपदा](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/apada.jpeg?itok=701LFZqa)
जाति और जल का ‘अछूत’ रिश्ता
Posted on 20 Oct, 2023 11:51 AMग्रामीण भारत में दलितों की पीट-पीटकर हत्या करने की हाल की घटनाएं, विशेष कर पेयजल की उपलब्धता को लेकर, अब आम जीवन का हिस्सा बन चुकी हैं। 2019 में शुरू हुआ जल जीवन मिशन, 2024 तक 18 करोड़ ग्रामीण परिवारों को पाइप से जलापूर्ति के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में लगभग आधे रास्ते पर है। हालांकि, यह उपलब्धि पानी तक पहुंचने की कोशिश कर रहे दलितों की लगातार कोशिशों और क्रूर घटनाओं से प्रभावित है।
![महाड़ सत्याग्रह : बाबा साहेब ने कहा था कि अस्पृश्यता सारतः राजनीतिक सवाल है](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/Baba%20ambedkar%20.png?itok=ZvPNFGVn)
बेतरतीब विकास और जलवायु परिवर्तन से संकट में हिमालय
Posted on 19 Oct, 2023 02:48 PMध्रुवीय क्षेत्रों के बाहर, हिमालयी ग्लेशियर ताजे पानी का सबसे बड़ा स्रोत हैं। हिमालयी क्षेत्र में हिमपात और हिमनद पूरे उपमहाद्वीप में विभिन्न नदियों के लिए पानी के मुख्य स्रोत हैं। ये स्रोत ब्रह्मपुत्र, सिंधु और गंगा जैसी नदी प्रणालियों में पानी के सतत प्रवाह को बनाए रखने में मदद करते हैं। एक अरब से अधिक लोगों का जीवन इन नदियों पर निर्भर है। वैश्विक तापमान में वृद्धि के साथ, हिमालय के ग्लेशियर
![बेतरतीब विकास और जलवायु परिवर्तन से संकट में हिमालय,pc-सर्वोदय जगत](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/v-%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%AF-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%9C%E0%A4%B2%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A5%81%E0%A4%A4-%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%93%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%AE-%E0%A4%AA%E0%A4%B0-%E0%A4%A8%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%B6.jpg?itok=CwSN3gBL)
अकल्पनीय जल-संकट की ओर बढ़ रहा देश
Posted on 18 Oct, 2023 01:12 PMजलपुरुष राजेन्द्र सिंह कहते हैं कि देश भर में 10 साल पहले कुल 15 हजार के करीब नदियां थीं। इस दौरान करीब 30 फीसदी नदियां यानी साढ़े चार हजार के करीब सूख गई हैं, ये केवल बारिश के दिनों में ही बहती हैं। वे बताते हैं कि कुछ वर्ष पहले उनकी टीम ने देश भर में एक सर्वे किया था, जिससे पता चला कि आजादी से लेकर अब तक देश में दो तिहाई तालाब, कुएं, झील, पोखरे, झरने आदि पूरी तरह सूख चुके हैं। आजादी के समय दे
![अकल्पनीय जल-संकट की ओर बढ़ रहा देश](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/Water%20Crises%20_0.jpeg?itok=qms5J6MS)
भरतपुर, राजस्थान की मिट्टी में क्लोरपाइरीफोस, साइपरमेथ्रिन और एंडोसल्फान कीटनाशकों का विद्युत रासायनिक निर्धारण
Posted on 16 Oct, 2023 01:42 PMसारांश
क्लोरपाइरोफोस, साइपरमेथ्रिन और एंडोसल्फान कीटनाशकों का विद्युत रासायनिक अध्ययन मरकरी ड्रॉप इलेक्ट्रोड की सहायता से डिफरेंशियल पल्स पोलरोग्राफी विधि द्वारा भरतपुर (राजस्थान) को मिट्टी में किया गया। ELICO CL-362 पालरोग्राफिक विश्लेषक का उपयोग करंट वोल्टेज रिलेशनशिप ( पालरोग्राम) के मापन के लिए किया गया था, इसके पोलरोग्राफिक सेल में इलेक्ट्रोलाइजिंग इलेक्ट्
![भरतपुर, राजस्थान की मिट्टी में क्लोरपाइरीफोस, साइपरमेथ्रिन और एंडोसल्फान कीटनाशक](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/OIG%20%2863%29.jpeg?itok=mH-swSzg)
हिण्डन संरक्षण के लिए संगोष्ठी का आयोजन
Posted on 16 Oct, 2023 12:21 PMगाजियाबाद, 15 अक्टूबर 2023। राजनगर स्थित आईएमए भवन में रविवार को गाजियाबाद हित संरक्षण, संवर्धन तथा समन्वयक समिति के तत्वावधान में जीवनदायिनी हिण्डनः वर्तमान और भविष्य विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। एकदम नई थीम पर आयोजित इस संगोष्ठी में हिण्डन से जुड़े और हिण्डन के लिए काम करने वाले विभिन्न व्यक्ति एवं संगठन एक मंच पर एकत्रित हुए। यही नही संगोष्ठी में एनजीटी के पूर्व चेयरमैन और उच्चतम न्या
![हिण्डन नदी वर्तमान और भविष्य विषय पर संगोष्ठी का आयोजन](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/OIG%20%2862%29.jpeg?itok=Of9-2Sse)