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लोक भारती की राष्ट्रीय योजना बैठक सम्पन्न गाय, गंगा एवं प्रकृति संरक्षण पर मंथन
प्रथम सत्र के वक्ताओं में राष्ट्रीय संगठन मंत्री बृजेन्द्र पाल सिंह, सह संगठन मंत्री गोपाल उपाध्याय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आचार्य रविन्द्र जी, उपाध्यक्ष डह. हृदयेश बिहारी, राष्ट्रीय व्यवस्था प्रमुख कमलेश गुप्ता, राष्ट्रीय सम्पर्क प्रमुख श्रीकृष्ण चौधरी, सह सचिव कैप्टन सुभाष ओझा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक त्रिपाठी, विनोद कुमार श्रीवास्तव एवं गंगा सेवक कृष्णानंद राय ने संबोधित किया।  Posted on 13 Nov, 2023 01:48 PM

जब लोग भौतिकता की अंधी दौड़ में भाग रहे हैं तब हम लोग जल उत्सव माह मना रहे है एवं इसके अंतर्गत भैंसी नदी, कठिना नदी, सई नदी, रामरेखा नदी, मनोरमा नदी, कुकरेल नदी आदि पर कार्य कर रहे हैं  उत्तर प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी स्थित वृंदारण्यम फर्म, इँटारोरा ब्लहक के सुरम्य वातावरण में लोक भारती की राष्ट्रीय योजना बैठक दिनांक 4- 5 नवम्बर, 2023  को सम्पन्न हुई जिसमें कई प्रान्तों के प्रमुख प्रतिनिधि गण

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नैमिषारण्य में लोक भारती ने निकाली जल यात्रा जलमार्ग के जरिए सिल्क एवं मिल्क रोड विकसित करने की योजना
लोक भारती के नैमिषारण्य केंद्रित कार्यक्रमों के क्रम में 12 अक्टूबर 2023 को गोमती तट पर पूजन के बाद जल यात्रा निकाली गई। गोमती के तट पर पूजन के बाद नारियल तोड़ कर देवदेवेश्वर घाट से जलयात्रा का शुभारंभ किया गया। नदी के तटवर्ती गांव ठाकुरनगर से झरिया, फूलपुर, डबरा, कोल्हुआ, बरेठी, निरहन, नबीनगर एवं कोकरपुरवा तक जलयात्रा निकाली गई। जल मार्गी देवदर्शन यात्रा गोमती नदी के प्रवाह मार्ग पर देव देवसर से लेकर के हंस हंसिनी, रूख व्रत, ब्रह्मा व्रत और सतयुग आश्रम केदारनाथ बरेठी तक पूर्ण हुई Posted on 13 Nov, 2023 01:15 PM

उत्तरप्रदेश के जनपद सीतापुर  स्थित तीथों के तीर्थ नैमिषारण्य की पुण्य स्थली को इसके मूल स्वरूप में विकसित करने के संकल्प के साथ सामाजिक संगठन लोक भारती एक दशक से अधिक समय से समाज के सहयोग से अपनी सामर्थ्य अनुसार अनेक योजनाओं पर कार्यरत है। चाहे नैमिषारण्य में 8 हजार ऋषियों के सम्मान में इतने ही पौधों के रोपण का कार्यक्रम रहा हो, इस पावन क्षेत्र को रासायनिक कृषि से मुक्त कराने का अभियान रहा हो,

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वायु प्रदूषण की वार्षिक आपदा,समन्वित प्रयास से ही सुधरेंगे हालात
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में वायु प्रदूषण से पाँच वर्ष तक की उम्र के बच्चों में निमोनिया ज्यादा हो रहा है जो उनकी मौत का बड़ा कारण है। डाक्टरों का कहना है कि बच्चों में ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है, इसलिए सांस लेने की गति भी तेज होती है। Posted on 13 Nov, 2023 12:13 PM

बीतें वर्षों की तरह बरसात का मौसम बीतने और सर्दियों के आगमन की शुरुआत के साथ ही वायु प्रदूषण का खतरा भारत में मडराने लगा है। दिल्ली और आसपास के इलाकों की हवा में जहर घुल चुका है। हवा सुरक्षित स्तर से 32 गुना अधिक तक जहरीली हो चुकी है। अधिकतर क्षेत्रों का वायु गुणवत्ता सूचकांक 4 00 से ज्यादा है। दिल्ली का प्रदूषण अब घातक हो रहा है। जानकार बता रहे हैं कि पराली जलाने के साथ-साथ मौसमी स्थितियों की

वायु प्रदूषण की वार्षिक आपदा,समन्वित प्रयास से ही सुधरेंगे हालात
बिगड़ रहा है पर्वतीय संतुलन 
भारत विश्व में भूजल का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, यहाँ 253 बिलियन क्यूबिक मीटर प्रति वर्ष की दर से भूजल का दोहन किया जा रहा है। यह वैश्विक भूजल निष्कर्षण का लगभग 25 प्रतिशत है। भारत में लगभग 1123 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) जल संसाधन उपलब्ध है, जिसमें से 690 बीसीएम सतही जल और शेष 433 बीसीएम भूजल है। भूजल का 90 प्रतिशत सिंचाई के लिए और शेष 10 प्रतिशत घरेलू और औद्योगिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उपयोग किया जाता है। Posted on 13 Nov, 2023 11:26 AM

भूगर्भीय जल स्तर को बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि इसका पुनर्भरण होता रहे, जो अधिकतम बरसात के पानी और नदियों, नहरों से होता है भारत की राजधानी दिल्ली की बात करें जहां केंद्र और राज्य सरकार दोनों इस शहर की देखभाल करती हैं

बिगड़ रहा है पर्वतीय संतुलन 
उम्र भी कम करता है पर्यावरण प्रदूषण(Pollution Reduces Human Lifespans In Hindi )
शिकागो विश्वविद्यालय के ऊर्जा नीति संस्थान ने अपने नवीनतम वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है और यह भारत के उन क्षेत्रों में से है, जिनकी स्थिति देश के औसत से कहीं अधिक खराब है।  Posted on 08 Nov, 2023 03:34 PM
  • अमेरिका स्थित थिंक टैंक के पिछले दिनों जारी एक अध्ययन में कहा गया है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का मौजूदा स्तर जारी रहा तो दिल्ली के निवासियों को अपने जीवन के 11.9 साल खोने की संभावना है।
  • शिकागो विश्वविद्यालय के ऊर्जा नीति संस्थान ने अपने नवीनतम वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है और यह भारत के उन क्षेत्रों में से है, जिनक
उम्र भी कम करता है पर्यावरण प्रदूषण
जनभागीदारी से हो कूड़े-कचरे का प्रबंधन
प्लास्टिक व पॉलीथिन पर नियंत्रण के लिए पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय ने एक आदेश दिया था जिसमें पूरी तरह पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की गई है। इस आदेश को सरकार ने कड़ाई से पालन करने के लिए प्रयास तो किए हैं, लेकिन जमीनी सच्चाई यह है कि इसमें थोड़ी भी कमी नहीं आई है। प्रदूषण नियंत्रण के विषय में अदालतों ने अनेक फरमान जारी किए हैं जिनका प्रभाव एक महीने से अधिक नहीं टिक पाता। इसका कारण है Posted on 08 Nov, 2023 03:25 PM

हिमालय क्षेत्र के ग्लेशियर, बुग्याल, जंगल में जगह-जगह  कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। यात्रा सीजन पूरा होने के बाद चारधाम और बुग्यालों के बीच में आने वाले पर्यटकों द्वारा पैदा किए गए ठोस कचरे को एकत्रित करने के प्रयास भी किए जाते हैं, लेकिन अक्सर देखा गया कि जहां से इसको बोरों में भरकर उठाया जाता है, उसके आगे नदियों के किनारे ही डंप कर दिया जाता है। इसके बाद सफाई का संदेश भी प्रकाशित हो जाता है। प्र

जनभागीदारी से हो कूड़े-कचरे का प्रबंधन
पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण में समाज की भी है जिम्मेदारी
पेरिस समझौते की भावना के अनुरूप उदाहरण के तौर पर देखें तो दिल्ली के अंदर वाहनों के धुएं को कम करने में सरकार और जनता, दोनों की भागीदारी जरूरी होगी। जहां सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बेहतर हो वहीं आम जन को भी कोशिश करनी होगी कि वो इस व्यवस्था का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कर दिल्ली के भीतर कार्बन उत्सर्जन को कम करे। दरअसल, वाहनों का प्रदूषण कम करने के लिए पिछले कई सालों से विकसित हुई कार संस्कृति को बदलना होगा। कोयले का इस्तेमाल दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के उद्योगों में खुल कर होता है। करीब 3000 से ज्यादा उद्योगों की वायु प्रदूषण में हिस्सेदारी 18 फीसदी के लगभग है।

Posted on 08 Nov, 2023 03:15 PM

सदियों से किताबों में प्रमुखता पाने वाला प्रदूषण का मुद्दा पिछले कुछ सालों से वैश्विक, राष्ट्रीय और कहीं-कहीं क्षेत्रीय राजनीति के केंद्र के तौर पर उभरा है, तो इसके पीछे कई कारण हैं। एक जो सबसे बड़ा कारण है कि आज प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन कई छोटे द्वीपीय देशों और बड़े देशों के तटीय कस्बों के लिए अस्तित्वगत संकट के तौर पर सामने आया है। दूसरा समान महत्व का मुद्दा यह है कि भूतकाल की यह सोच कि पर्

पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण में समाज की भी है जिम्मेदारी
पर्यावरण प्रदूषण का दिव्यांगजनों पर खतरा ज्यादा
विकलांगता और सतत विकास लक्ष्य पर संयुक्त राष्ट्र की पहली रिपोर्ट-2018 दर्शाती है कि दिव्यांग अधिकांश सतत विकास लक्ष्यों के संबंध में पिछड़े हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अनुसार, शिक्षा तक पहुंच की कमी, मौजूदा स्वास्थ्य स्थितियों और सुरक्षित रूप से निकलने में कठिनाई के कारण जलवायविक आपदाओं के मामले में दिव्यांगों को अधिक खतरा होता है। वास्तव में आपदा संबंधी पर्याप्त ज्ञान होने से चरम मौसमी घटनाओं के खिलाफ जीवित रहने के बेहतर मौके तलाशने में आसानी होती है



Posted on 08 Nov, 2023 02:35 PM

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त ने संयुक्त राष्ट्र की जलवायु कार्रवाई के संदर्भ में विकलांगता अधिकारों पर जारी पहली रिपोर्ट के बारे में कहा है कि दिव्यांगों पर जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों का खतरा बढ़ गया है जिसमें उनके स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, पेयजल, स्वच्छता और आजीविका के खतरे भी शामिल हैं। जलवायु परिवर्तन समाज के सभी तबकों को समान रूप से प्रभावित करता है, लेकिन जलवायविक आपदा क

पर्यावरण प्रदूषण का दिव्यांगजनों खतरे ज्यादा
प्रदूषण,आर्थिकी के लिए भी चुनौती 
प्रदूषण का सबसे बड़ा कारक वायु प्रदूषण माना जाता है। यह दुनिया में असमय मृत्यु का चौथा सबसे बड़ा कारण है। इसके कारण सर्दियां आते ही स्मॉग की काली छाया दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई शहरों को अपने दामन में समेट लेती है। प्रदूषण का सबसे प्रतिकूल प्रभाव स्वास्थ्य और उत्पादकता पर पड़ता है। दुनिया में कोई भी कार्य मानव संसाधन की बदौलत ही किया जा सकता है, लेकिन जल, वायु, भूमि, और ध्वनि प्रदूषण शरीर को रुग्ण कर देता है, जिससे स्वास्थ्य मद की लागत बढ़ जाती है और उत्पादकता कम हो जाती है। Posted on 08 Nov, 2023 12:50 PM

प्रदूषण मुख्य तौर पर जल, वायु, भूमि और ध्वनि के प्रदूषित होने से होता है। इसलिए प्रदूषण का समग्र विश्लेषण मुख्य तौर पर जल, वायु, भूमि और ध्वनि के प्रदूषित इन चारों कारकों को ध्यान में रखकर ही किया जा सकता है। जल प्रदूषण, औद्योगिक कचरा, अन्य कचरा फेंकने, जहाजों से होने वाले तेल रिसाव आदि से होता है। वायु प्रदूषण में वृद्धि पराली व कचरा जलाने, कारखानों एवं वाहनों से निकलने वाले धुएं आदि से होती ह

प्रदूषण, आर्थिकी के लिए भी चुनौती 
प्रदूषण के संदर्भ में नीतियों का सख्ती से पालन जरूरी
विकास की इस केंद्रीकृत प्रक्रिया में मध्यम वर्ग के साथ-साथ मजदूर वर्ग का बनना भी स्वाभाविक था। ये दोनों वर्ग महानगरों के अभिन्न हिस्से बन गए। दरअसल, विकास का यह पूंजीवादी मॉडल केंद्रीकृत रहा। औद्योगिक विकास की ओर तो हम चल पड़े लेकिन उससे उभरने वाली चुनौतियों का अनुमान नहीं लगा सके। Posted on 08 Nov, 2023 12:42 PM

प्रदूषण की समस्या आज के समय में बड़ी चुनौती के रूप में उभरी है। गांव, कस्बे, छोटे शहर तथा महानगर तक इसकी जद में आ गए हैं। दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई जैसे महानगर तो सबसे अधिक प्रभावित हैं। सच्चाई यह है कि भारत में अनेक तरह के लघु कुटीर उद्योगों से लेकर बड़ी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां तक महानगरों के आस-पास ही लगाई गई हैं। आर्थिक इकाई, सामरिक इकाई, तकनीक से संबंधित इकाई एवं बड़े-बड़े शैक्षणिक कें

प्रदूषण के संदर्भ में नीतियों का सख्ती से पालन जरूरी
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