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कुएँ में खजाना
Posted on 02 Jul, 2015 11:11 AM कर्नाटक राज्य के कोने-कोने में सर्वव्यापी सामुदायिक कुएँ पाए जाते हैं। कुओं के निर्माण में तरह-तरह की डिज़ाइन और तकनीकों का इस्तेमाल होता है। पानी का मुख्य स्रोत समझे जाने वाले कुओं से ग्रामीण समुदायों का अपने–अपने इलाके में दीर्घकालिक रिश्ता है। यह लेख राज्य में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के कुओं में से कुछ कुओं का खाका खींचने के साथ उनसे जुड़ी आदतें और रीति रिवाजों का वर्णन करता है।
उस सरस्वती की खोज
Posted on 02 Jul, 2015 11:07 AM हड़प्पाकालीन सरस्वती भले ही लुप्त हो गई हो, लेकिन उसके प्रति हमारे मन में आज भी कोई कमी नहीं आई है। हमारे मानस में और धार्मिक संस्कारों में वह आज भी जीवित है। आम जन से लेकर पुरातत्ववेत्ताओं की जिज्ञासा का केन्द्र रही सरस्वती के सम्बन्ध में प्रस्तुत है प्रसिद्ध विद्वान और विचारक रामविलास जी का एक शोधपूर्ण लेख
यजमान पनगार और तुक्कड़ी प्रणाली : तालाब के जल वितरण का ज्ञान स्रोत
Posted on 02 Jul, 2015 11:04 AM हमारे पूर्वजों ने तालाब के पानी के वितरण की जो प्रथा अपनाई वह विविध प्रकार की है। उन्होंने विशेष तौर पर सूखे के दौरान जो सावधानी और सरोकार जताया और जो भी थोड़ा बहुत पानी उपलब्ध था उसकी हिस्सेदारी के लिये जो भावना प्रदर्शित की वह अपने में अनुकरणीय है। कई प्रथाएँ रिकार्ड में नहीं हैं और वे खो भी चुकी हैं। यहाँ हम दो प्रथाओं की भूमिका प्रस्तुत कर रहे हैं जो जमीन की सिंचाई के बारे में किसानों के वि
गंग धार
Posted on 02 Jul, 2015 11:01 AM लांघ वन उपत्यका
त्रिलोक ताप हरण हेतु
हिमाद्रि तुंग कन्दरा
त्याग कर निकल चली
स्वमार्ग को प्रशस्त कर
अतुल उमंग से भरी
विरक्त भाव धार कर
प्रवेग से उमड़ चली

कभी सौम्य पुण्यदा
रौद्र रूप धारती कभी
ब्रह्म के विधान का
दिव्य लेख लिख रही
विवेकहीन मनुज को
प्रचंड प्रदाहिनी बनी
अदम्य शक्ति से भरी
दम्भ भंग कर रही
प्रदूषित नदियों की संख्या बढ़ी-नमामि गंगे परियोजना केवल दो नए पहल
Posted on 02 Jul, 2015 10:42 AM गंगा सफाई योजना भी यमुना के साथ जुड़ी हुई है। योजना गंगा रिवर बेसि
polluted river
आखिर क्या है भूजल पर गहराते भीषण संकट का हल
Posted on 02 Jul, 2015 10:38 AM आज हमें भूजल के भयावह संकट के रूप में भुगतना पड़ रहा है। इसका इलाज
waste of groundwater
पर्यावरण से ही जीवन है
Posted on 02 Jul, 2015 10:19 AM वर्तमान परिस्थिति में हमें ‘विकास’ का अपना ऐसा मॉडल अपनाना होगा, जो
पेयजल संरक्षण के परम्परागत प्रयास
Posted on 02 Jul, 2015 10:15 AM ‘रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।’ कविवर रहीम ने भी अपने स
जीवन-जनक जल की उपेक्षा क्यों
Posted on 02 Jul, 2015 10:02 AM जल जीवन है, जीवन का जनक और पोषक भी। फिर जल के निहायत जरूरीपन के प्
आपदा प्रबन्धन : रोजगार का भी एक जरिया (Disaster Management Careers)
Posted on 02 Jul, 2015 09:53 AM डिजास्टर मैनेजमेंट यानी आपदा प्रबन्धन तेजी से विस्तृत होता क्षेत्र है। हाल ही में नेपाल में आए भूकम्प में हजारों लोगों ने अपनी जान गँवाई। हजारों की संख्या में लोग घायल हुए। बड़े पैमाने पर क्षति हुई। भारत सरकार ने राहत पहुँचाने के लिए हर जगह एनडीआरएफ की टीम भेजी। इसमें खासतौर पर पैरामिलिट्री के प्रशिक्षित लोग शामिल थे। इनमें से ज्यादातर ने डिजास्टर मैनेजमेंट से सम्बन्धित कोर्स किया हुआ है
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