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बिहार
राजनैतिक पार्टियाँ भी पीछे नहीं हैं: बकरा कसाई से राजी
Posted on 03 Feb, 2012 04:13 PMइसी नदी, इसी खेत, इसी परिवेश से हमारा सारा काम चलता था। पढ़ाई-लिखाई, शादी-ब्याह, खाना-पीना और
हमारी बाढ़ आपदा प्रबन्धन के दायरे में आती है क्या?
Posted on 03 Feb, 2012 11:42 AMसदियों से बाढ़ की कठिन परिस्थितियों में रह कर जीने वालों के कौशल और उनके पारम्परिक ज्ञान का यह
स्वयं सेवी संस्थाओं की भूमिका
Posted on 03 Feb, 2012 09:59 AMसाधारण वर्षा और साधारण बाढ़ वाले वर्ष में इस घटना पर किसी का ध्यान भी नहीं जाता मगर वर्ष की इक
भविष्यवाणी सच हुई-राहत हक बनी
Posted on 02 Feb, 2012 04:45 PMपीड़ितों को जरूरत के समय मदद मिले इसका कोई भी विवेकशील व्यक्ति विरोध नहीं करेगा मगर यदि कोई दु
ताकि हौसला बना रहे
Posted on 25 Jan, 2012 04:42 PMबांध के प्रस्तावित निर्माण स्थल नुनथर में नदी का जल-ग्रहण क्षेत्र मात्र 2706 वर्ग किलोमीटर है
वे भी अपना हक मांगते हैं
Posted on 25 Jan, 2012 03:46 PMनदी के नियंत्रित प्रवाह का निचले क्षेत्रों की जीवन पद्धति विशेषकर कृषि, मत्स्य पालन और पशु संव
बड़े बांधों की बहस-विश्ववार्ता की शुरुआत
Posted on 21 Jan, 2012 11:04 AMउत्तर प्रदेश से लेकर असम तक नदियों पर बनाये गए तटबन्धों की हर बरसात में धज्जियाँ उड़ जाती हैं
तबाहियाँ दोनों तरफ
Posted on 18 Jan, 2012 05:45 PMजल-संसाधन विभाग की इन उपलब्धियों को बिहार के लोग भी कभी खुशगवार नहीं कहेंगे। नेपाल का आम आदमी
खराश की अभिव्यक्ति
Posted on 18 Jan, 2012 04:21 PMभारत सरकार ने 1980 में महाकाली नदी पर 1928 में बनी पुरानी पड़ रही शारदा बराज के विकल्प में पूर