विजय रानी बंसल

विजय रानी बंसल
विरासत है देसी फ्रिज
Posted on 02 Jun, 2011 04:14 PM
मटके और सुराही का पानी पीने में जो आनंद आता है, वह फ्रिज के ठंडे पानी में कहां!
मटकाः देसी फ्रीज
कहां खो गए प्याऊ..
Posted on 27 May, 2010 08:39 AM

बदलते वक्त के साथ ऐसी कई छवियां स्मृति-पटल से ओझल होती जा रही हैं, जो एक समय तक हमारे लिए बेहद सामान्य थीं। सड़कों के किनारे चंद मटकों से सुसज्जित ‘प्याऊ’ भी उनमें से एक है। बोतलबंद और ढेरों खूबियों वाले मिनरल वॉटर के युग में मिट्टी के मटकों का सौंधी खुशबू वाला ठंडा और गला तर कर देने वाले पानी की उपलब्धता अब न्यून हो गई है। या यूं कह लें कि अब इनका चलन नहीं रहा। सदियों पुरानी ‘प्याऊ’ परम्परा
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