उत्तराखण्ड आज
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कम होता जा रहा है वन क्षेत्र
Posted on 12 Aug, 2017 11:41 AMवैज्ञानिक तौर पर प्रमाणित हो जाने के बावजूद पेड़ को घास के रूप में वैधानिक मान्यता न दिए
क्या अब बच पायेंगे प्राकृतिक संसाधन
Posted on 20 May, 2017 11:39 AMनैनीताल हाईकोर्ट ने अपने फैसले में गंगोत्री और यमुनोत्री ग्ले
संवर्धन के अभाव में खोखले होते वन क्षेत्र
Posted on 01 May, 2016 09:17 AMउत्तराखण्ड में अनेक प्रकार के वन मौजूद हैं। यहाँ चीड़, सागौन, देवदार, शीशम, साल, बुरांश, सेमल, बांझ, साइप्रस, फर तथा स्प्रूश आदि वृक्षों से आच्छादित वन क्षेत्र से ईंधन तथा चारे कि अतिरिक्त इमारती तथा फर्नीचर के लिये लकड़ी, लीसा, कागज इत्यादि का उत्पादन प्रचुर मात्रा में किया जा सकता है। इसके अलावा वनों में अनेक प्रकार की जड़ी-बूटियाँ भी मौजूद हैं। जरूरत है इनके संवर्धन की। अगर राज्य सरका
पाखण्डियों के पाखण्ड से त्रस्त गंगा
Posted on 26 Dec, 2015 02:40 PM(प्रस्तुत आलेख उत्तराखण्ड आज की टीम प्रस्तुति है। आलेख के कई टिप्पणियों से असहमति के होते हुए भी यह आलेख शेयर किया जा रहा है, किसी को इस आलेख पर कोई टिप्पणी करना है तो उत्तराखण्ड आज से संपर्क करे। सम्पर्क; सम्पादक - पंकज बौड़ाई, ईमेल - uttrakhandaaj@gmail.com, 9319704350, 9897079841)