सुरेश्वर डी. सिन्हा

सुरेश्वर डी. सिन्हा
वृहत जल परियोजनाओं की हानियां
Posted on 01 Jul, 2011 10:31 AM
(ए) जल ग्रहण क्षेत्र में जल भराव, क्षार और लावणीयता के कारण प्रमुख कृषि भूमि की पच्चीस प्रतिशत हानि होती है जैसा कि केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट कहती है।
पानी को स्थानीय रूप से उपचारित करने की योजनाओं का सम्पूर्ण लाभ
Posted on 01 Jul, 2011 10:21 AM
उपरोक्त परियोजनाओं के कार्यान्वयन से लगभग 1007 एमसी या कहें 1 मिलियन क्यूबिक मीटर अतिरिक्त पानी मिलेगा। इसमें वह पानी सम्मिलित नहीं है, जो टिहरी बांध से लाया जाएगा। टिहरी बांध से संयुक्त भूकम्पीय खतरों और इसे उत्तर प्रदेश की जनता के प्रभावित होने की संभावना को देखते हुए इस परियोजना को भ्रूणावस्था में ही नियंत्रण रखने का परामर्श दिया जाता है। पूर्वोक्त योजना अपनाने से गत आधी शताब्दी में अनियोजित वि
गंदे पानी का उपयुक्त उपचार और पुन: चक्रीकरण (भाग - चार)
Posted on 01 Jul, 2011 10:06 AM
आजकल प्राय: महानगरों को घनी आबादी के कारण नगर के मलिन पानी को मजबूरन तीसरे स्तर तक शोधित करना पड़ रहा है, जिससे वह स्नान करने योग्य स्तर तक शुद्ध होता है। इसे घरेलू प्रयोग के लिए संभरित करने के लिए और भी शोधित करना पड़ता है। खेद इस बात का है कि मशीनी साधनों से इस प्रकार की शोधन प्रक्रिया महंगी है और यह पर्यावरण सहयोगी भी नहीं है।
पुरानी जल धाराओं को पुनरूज्जीवित करना (भाग - तीन)
Posted on 01 Jul, 2011 09:53 AM
पहले बताया जा चुका है कि दिल्ली क्षेत्र में यमुना के अतिरिक्त तीन अन्य नदियां स्थानीय अरावली पर्वत श्रृंखलाओं से निकलकर यमुना में गिरती थीं। ये तीनों नदियां साहिबी, तिलपत धारा (इसे यह नाम मैंने दिया है) और सतपुला लोधी गार्डन के पुल के नाम पर आधारित इस क्षेत्र के भूमिगत जलस्तर को बनाए रखती थीं और क्षेत्रीय सौंदर्य, पर्यावरणीय विविधता को बढ़ाती थीं, उनमें तिलपतधारा और सतपुला निजामुद्दीन के समीप आपस म
दिल्ली और इसके आसपास की घाटी में वर्षा जल संचयन (भाग - दो)
Posted on 01 Jul, 2011 09:41 AM
दिल्ली और इसके आसपास स्थित यमुना घाटी के नगरों को जल संभरण के लिए वर्षा जल संचयन की संभावनाओं पर विचार करते हुए हमें दिल्ली की राजनीतिक सीमाओं तक सीमित नहीं रहना चाहिए। दिल्ली की सीमा से बाहर के नदी-नालों में आए बाढ़ के पानी का उपयोग करने की बात करते समय यह बात विशेष रूप से लागू होती है।

ए. दिल्ली क्षेत्र के अंदर बाढ़ के भूमिस्तर पर पांच जलाशयों का निर्माण करना
दिल्ली के लिए कुछ सुझाव (भाग - एक)
Posted on 01 Jul, 2011 09:35 AM
पूर्वोल्लिखित सिद्धान्तों के आधार पर दिल्ली के पर्यावरण में सुधार करने और पर्याप्त जल संरक्षण के लिए कुछ सुधार इस प्रकार हैः-

यमुना में शुष्क मौसम में भी पर्याप्त जल स्तर रहेः-
दिल्ली के वर्तमान जलश्रोत
Posted on 30 Jun, 2011 11:32 AM
वर्तमान में दिल्ली को निम्नलिखित श्रोत बागवानी और घरेलू उपयोग के लिए पानी उपलब्ध करा रहे हैः-
ऊपरी यमुना के राज्यों को यमुना जल का बंटवारा
Posted on 30 Jun, 2011 11:13 AM
मई 1994 में यमुना जल बंटवारे के लिए ऊपरी तटवर्ती राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली ने मिलकर आपसी समझ के एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। यमुना के वार्षिक 13 मिलियन घनमीटर (बीसीएम) शुद्ध उपलब्ध जल का निम्नानुसार बंटवारा हुआः
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