शशि शेखर
विकास के नाम पर पिंडरगंगा घाटी की लूट
Posted on 10 Aug, 2012 04:29 PMविकास के नाम पर भारत में हर जगह सरकारी जोर जबरदस्ती जारी है। पतित पावनी गंगा को मारने में कोई कसर नहीं छोड़ा जा रहा है। कहीं बांध बनाकर तो कहीं सीवर का गंदा पानी डालकर। इसी कड़ी में गंगा की सहायक नदी पिंडरगंगा भी है। पिंडरगंगा पर बांध बगैर पर्यावरणीय जनसुनवाई के ही बनाया जा रहा है। एक तरफ जल, जंगल और जमीन की हालत दिनों-दिन बद से बदतर हो रही है, वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड में पिंडरगंगा घाटी में देकमजोर मानसून से सूखे की आशंका
Posted on 24 Jul, 2012 11:40 AMइस बार कमजोर मानसून की वजह से सूखे की आशंका ने किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है। जुलाई का तीसरा हफ्ता बीत गया लेकिन बारिश का कोई आसार नहीं है। इसका असर खेती और पीने के पानी पर दिखने लगा है। कमजोर मॉनसून की वजह से न सिर्फ खेती और जल प्रबंधन में दिक्कत आ रही है बल्कि खाने-पीने की चीजों की कीमतें भी बढ़ रही हैं। पिछले साल के मुकाबले इस बार 8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कम बुआई हुई है। इससे ज्वार बाजरा जैसे पसोड़ा गांवः फिर से सजने लगी चौपाल
Posted on 01 Mar, 2011 02:20 PMभारत में लोकतंत्र का अर्थ लोक नियुक्त तंत्र बना दिया गया है, जबकि इसे लोक नियंत्रित तंत्र होना चाहिए था। संविधान द्वारा तंत्र संरक्षक की भूमिका में स्थापित है, जबकि उसे प्रबंधक की भूमिका में होना चाहिए था। ज़ाहिर है, संरक्षक लगातार शक्तिशाली होता चला गया और धीरे-धीरे समाज को ग़ुलाम समझने लगा। तंत्र आदेश देता है और लोक पालन करता है। लोक और तंत्र के बीच दूरी बढ़ती ही जा रही है। इस दूरी को कम करने
अगले वर्ष से अविरल बहेगी निर्मल गंगा
Posted on 18 Oct, 2018 06:27 PMकेन्द्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग, जल-संसाधन और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी केन्द्र सरकार के एक ऐसे मंत्री हैं, जो हमेशा चर्चा में रहते हैं। अपने काम के कारण भी और अपनी साफगोई की वजह से भी। बकौल गडकरी, वह जो कहते हैं, उसे करके दिखाते हैं। नितिन गडकरी ने हाल ही म
गंगादेवी पल्ली में बही विकास की गंगा
Posted on 28 Feb, 2011 10:35 AMजरूरी नहीं कि हमारे गांव का विकास तभी होगा, जब बड़े-बड़े सरकारी अधिकारियों की कृपा दृष्टि हो। गांव का विकास खुद गांव वालों के हाथ में है। सरकारी कानून ऐसे हैं, जिनके इस्तेमाल से हम अपने गांवों में विकास की गंगा बहा सकते हैं। ग्रामसभा एक ऐसी संस्था है, जिसकी नियमित बैठक से भ्रष्टाचार को करारा जवाब दिया जा सकता है और अपने गांव का संपूर्ण विकास किया जा सकता है।आंध्र प्रदेश के वारंगल जिले की मचापुर
जैविक खेती में देशी प्रजाति को बढ़ावा मिलाः मुकेश गुप्ता
Posted on 30 Oct, 2010 10:03 AM
मुकेश गुप्ता मोरारका फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक होने के साथ-साथ जैविक खेती के विशेषज्ञ भी हैं। चौथी दुनिया संवाददाता शशि शेखर ने नवलगढ़ यात्रा के दौरान मुकेश गुप्ता से जैविक खेती के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत की। मसलन, किसानों को अपनी जैविक उपज के लिए बाज़ार कैसे मिले? कृषि के लिए जैविक खेती कैसे वरदान साबित हो रहा है? पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश: