समाज शेखर

समाज शेखर
निकालनी पड़ेगी मृत संजीवनी
Posted on 03 Aug, 2014 11:47 AM
जल सृष्टि की उत्पत्ति, पालन व संहार का मूल आधार है। जब भी धरती पर ‘आदिम मानव’ की सृष्टि हुई, उसके जन्म के साथ जल जुड़ा रहा। जब भी उसे भूख महसूस हुई तो इसी जल ने वनस्पतियों को उगाया, जिससे उसने पेट भरा और जमकर पानी पिया। जब भी प्रलय अथवा कयामत की कल्पना की गई तो उसका आधार बना भूकंप या जलजला। सारी धरती प्रलय काल में जलमग्न हो जाएगी।
वर्षों की प्यास बुझा रही बकुलाही की प्राचीन सजल धारा
Posted on 06 Aug, 2014 03:15 PM
यूपी के प्रतापगढ़ में भयहरणनाथ धाम के पास स्थित बकुलाही नदी की 18 किमी लंबी लुप्तप्राय हो चुकी प्राचीन धारा अब पुनर्नवा व सजल होकर बेग से प्रवाहित हो रही है। करीब दो दर्जन से अधिक गांवों के लाखों लोगों की वर्षों की अतृप्त प्यास बुझ रही है। नदी पर जगह-जगह समाज के सहयोग से फिर से बांस की चहली बन रही है और लोग आवागमन में उसका उपयोग कर रहे हैं।
×