शक्ति मनीष वैद्य

शक्ति मनीष वैद्य
अकबर के जमाने का बाँध अब भी रोक रहा पानी
Posted on 04 Aug, 2015 04:19 PM
करीब 400 साल पहले अकबर के समय पत्थरों से बनाया हुआ बाँध आज भी न केवल उसी तरह खड़ा है बल्कि कई किसान अपने खेत में इसके संग्रहित पानी से सिंचाई भी करते हैं। बाँध के आकार–प्रकार और इसकी तकनीक देखकर यही लगता है कि उन दिनों में जबकि आज की तरह के न तो संसाधन हुआ करते थे और न ही तकनीक का ही इतना विकास हुआ था, बावजूद इसके तब के शिल्पकारों और जलविदों की बुद्धि कौशल को
ancient dam
तिल–तिल कर मरने को मजबूर हैं सैकड़ों आदिवासी
Posted on 31 Jul, 2015 09:43 AM

मध्यप्रदेश में अलीराजपुर जिले की ऊँची–नीची पहाड़ियों से होते हुए हम पहुँचे आदिवासियों के फलिए (गाँव) में। सुबह के निकले शाम हो गई यहाँ तक पहुँचने में। यहाँ एक परिवार से हमारी मुलाकात हुई, जिसका जवान बेटा अब मौत की घड़ियाँ गिनने को मजबूर है। महज 30 साल का इडला बहादुर पिछले तीन साल से हर पल मंडराती मौत के खौफ में जी रहा है। उसके हाथ में सरकार से मिला सिलिकोसिस पीड़ित होने का कार्ड जो है। इडला के ती

Adivasi
कुएँ को पाटने की तैयारी
Posted on 28 Jul, 2015 02:09 PM
इन दिनों मध्यप्रदेश का एक गाँव अपने कुएँ की लड़ाई लड़ रहा है। जिस कुएँ से सारे गाँव की प्यास बुझती है उसे ही सरकारी कम्पनी के लोग पाटने की तैयारी कर रहे हैं। गाँव वाले भी आर–पार की लड़ाई के लिए कमर कस चुके हैं। उन्होंने दावा किया है कि वे किसी भी कीमत पर अपने गाँव का कुआँ पाटने नहीं देंगे। उधर सरकारी कम्पनी ने भी गाँव वालों को एक महीने की मोहलत देकर साफ़ चेताव
well
खान नदी हुई ज़हरीली
Posted on 26 Jul, 2015 03:50 PM
क्षिप्रा की सहायक नदी खान इतनी बुरी तरह प्रदूषित हो चुकी है कि इसका पानी जहरीला हो गया है। अब इसके पानी के उपयोग पर भी पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। दरअसल कई गंदे नालों का पानी और कुछ उद्योगों का हानिकारक अपशिष्ट रसायन मिलने से इस नदी की यह हालत हुई है। यह नदी उज्जैन से पहले क्षिप्रा नदी में मिलती है। उज्जैन में अप्रैल 2016 में क्षिप्रा नदी के किनारे सिंह
kahn river
तालाबों ने सहेजी कई नस्लें
Posted on 23 Jul, 2015 03:33 PM
पर्यावरण और जैव विविधता का आपस में बहुत मजबूत सम्बन्ध है। अच्छे पर्यावरण में ही विविध प्रजातियों को पनपने की क्षमता होती है। पर्यावरण यदि प्रदूषित होगा तो वहाँ किसी भी सूरत में जैव विविधता के लिए खतरा ही होगा। जैव विविधता से आशय है जन्तुओं और वनस्पतियों की विभिन्न प्रजातियाँ निरापद रूप में अपने सहअस्तित्व में फले-फूले। लेकिन जिस तरह से हमारे आस-पास का पर्याव
Agriculture
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