शिवशरण दुबे

शिवशरण दुबे
मैं पेड़ ही बनूँगा
Posted on 24 Aug, 2015 04:10 PM
यदि बन सका सहारा, मैं पेड़ ही बनूँगा।
शिवमय स्वरूप प्यारा, मैं पेड़ ही बनूँगा।।

हिन्दू, इसाई, मुस्लिम, जिन बौद्ध,पारसी, सिख,।
हर धर्म का दुलारा, मैं पेड़ ही बनूँगा।।

भूखे-तृषित पथिक का, बेघर उदास यति का,
लेकर आशीष सारा, मैं पेड़ ही बनूँगा।।

पशु, भूत, प्रेत, बिच्छू, कृमि, बर्र, साँप, शिव के-
सिंगार का पिटारा, मैं पेड़ ही बनूँगा।।
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