शिल्प कुमार

शिल्प कुमार
ताकि बेहतर हो सके शहरी जीवन
Posted on 15 Dec, 2017 01:00 PM

शहरीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति को आधुनिक सभ्यता ने विकास का पर्याय मान लिया है। शहरीकरण की बढ़ती रफ्तार को इस तथ्य से समझा जा सकता है कि 1901 में देश में शहरों की संख्या जहाँ सिर्फ 1827 थी, वह 2011 में बढ़कर 7935 हो गई। 1901 में शहरी आबादी जहाँ 2.58 करोड़ थी, वह 1951 में 6.24 करोड़ और फिर क्रमशः बढ़ते हुए 2011 में 37.71 करोड़ हो गई। गाँवों से नगरों-महानगरों की ओर पलायन की प्रमुख वजह शहरों में प
संचयन से ही सुधरेगी कहानी
Posted on 23 Nov, 2017 03:38 PM

पर्वतीय इलाकों में बारिश का पानी प्रबन्धन के अभाव में व्यर्थ बह जाता है। अगर इसके संचय का इन्तजाम कर लिया जाए तो मैदान में जल अभाव की समस्या खत्म की जा सकती है।
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