सौमित्र रॉय

सौमित्र रॉय
मानवाधिकारों को सहेजने का जतन
Posted on 12 Dec, 2013 01:15 PM
देश की मौजूदा व्यवस्था में मानवाधिकारों के प्रति असंवेदनशीलता का प
पानी के प्रति उदासीन समाज
Posted on 28 Jul, 2012 03:42 PM
पानी के बिना प्राणी जगत के बारे में सोचना गलत है। लोगों को अगर पानी भरपूर मिले तो उसे बर्बाद करने में कोई गुरेज नहीं करते। हम अपने नदियों, तालाबों, कुओं और बावड़ियों को मारकर बोतलबंद पानी के सहारे जीने की आदत डाल रहे हैं। हमारा समाज ग्रामीण परिवेश का आदि रहा है लेकिन औद्योगिकीकरण तथा शहरीकरण ने हमसे हमारा पानी छीन रहा है। पानी को यूं ही बर्बादकर हम घटते जा रहे इस बेशकीमती संसाधन के प्रति अनादर
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