राजेश कुमार शुक्ल

राजेश कुमार शुक्ल
खुद का मैं नीर बहूं गन्दी नदियों में
Posted on 07 Mar, 2013 10:13 AM
खुद का मैं नीर बहूं गन्दी नदियों में , साफ सी नदियां लाओ ना
मै पानी हूँ लेकिन मेरी अब तक कोई शक्ल नही है
नाम कोई इंसा सा दे दो ,शक्ल कोई इंसा सा दे दो
मेरा कोई रंग नही है पर मै हर रंग में रंग जाता हूँ
तुम भी अब मेरी ही तरह से पानी क्यों नही बन जाते हो
रिश्ते सा कुछ रख भी लो मुझको, खून सा अब कर लो मुझको
तुमने पाले तोते, कबूतर, पानी पाल दिखाओ ना
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