Posted on 15 Feb, 2012 11:18 AM“भूगोलीय सूचना तंत्र” संगणक आधारित औजारों एवं विभिन्न स्रोतों से प्राप्त किए गए आकाशीय आंकड़ों के समाकलन हेतु उपयोग की गई विधियों का ऐसा संयोजन है जिससे इन आंकड़ों का विश्लेषण, प्रतिरूपण एवं प्रदर्शन किया जा सकता है। विभिन्न डाईवर्स स्रोतों जैसेः जनगणना, सरकारी विभाग, भू-आकृतीय मानचित्रों एवं वायव फोटो से प्राप्त आंकड़ों को भूगोलीय सूचना तंत्र में उपयोग किया जा सकता है। इसके साथ-साथ बड़े पैमाने पर
Posted on 06 Jan, 2012 12:20 PMजल मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकता है। प्राचीन काल से ही समस्त मानव समस्याओं का विकास नदियों के तटों पर ही हुआ था, जहां जल प्रचुर मात्रा में उपलब्ध था। विकास के साथ ही मनुष्य ने कृषि की तकनीक भी सीखी तथा यह भी जाना कि फसलों की पैदावार के लिए जल अति आवश्यक है। जल के द्वारा ही पौधे जल क्षेत्र से अपना भोजन एवं पौष्टिक तत्व लवण द्रव के रूप में प्राप्त करते हैं। परन्तु जब यह जल एक सीमा से अधिक हो जाता है ज