राघवेंद्र नारायण मिश्र
राघवेंद्र नारायण मिश्र
रूठीं गंगा मइया
Posted on 04 Dec, 2012 10:34 AMगंगा के साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है। उसका सिर्फ जल ही नहीं बदल रहा बल्कि उससे जुड़ी तमाम चीजों में बदलाव आ रहा है।तबाही के निशान
Posted on 08 Nov, 2012 03:20 PM बिहार हर साल बाढ़ का दंश झेलता है लेकिन स्थिति फिर भी जस की तस बनी हुई है। आबादी बेहाल है। बाढ़ की प्रलंयकारी लीला में हर साल एक लाख घर बह जाते हैं। बिहार में बाढ़ ने पिछले 31 सालों में 69 लाख घरों को क्षति पहुंचाया है। हाल में केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने बाढ़ का आकलन करने के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाई थी लेकिन उसमें बिहार को प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया जबकि देश के कुल बाढ़ग्रस्त इलाकों का 17 फीसदी हिस्सा बिहार में पड़ता है।बिहार ने बाढ़ की एक और विभीषिका झेल ली। बाढ़ का पानी लौट चुका है और तबाही के निशान शेष रह गए हैं। ठेकेदारों और अफसरों की कमाऊ जमात ने एक बार फिर बाढ़ राहत के नाम करोड़ों के वारे-न्यारे किए और अगली बाढ़ से सुरक्षा के नाम पर तैयारियां शुरू हो गई हैं। यह हर साल का किस्सा है जो एक बार फिर दोहराया जा रहा है। बाढ़ की मार झेल चुके लोग ध्वस्त हो चुके मकानों को किसी तरह खड़ा करने में जुटे हैं और सरकार तबाही के लिए नेपाल को कोस रही है। इस राष्ट्रीय आपदा का स्थायी समाधान सिर्फ चर्चाओं तक सीमित रहा है। नदियों किनारे बसे लोगों के लिए तबाही उनकी नियति बन चुकी है। चार साल पहले कोसी ने कहर ढाया था तब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी उसे राष्ट्रीय आपदा घोषित किया था लेकिन राहत और पुनर्वास के प्रयास नहीं के बराबर हुए। कोसी क्षेत्र के हजारों एकड़ उपजाऊ खेतों में अभी तक बालू के ढेर पड़े हैं। इन खेतों में अब फसल नहीं होती। आपदा में क्षतिग्रस्त लाखों घर पुनर्निर्माण की राह देख रहे हैं।अनसुनी गंगा की गुहार
Posted on 07 Nov, 2012 11:34 AM मुक्तिदायिनी गंगा अब खुद बंधक बन गई है। बंधक गंदगी, कचरे और विषाक्कहीं गुम न हो जाए गंगा की गाय
Posted on 27 Oct, 2012 11:10 AM‘गंगा की गाय’ कही जाने वाली गांगेय डॉल्फिन चौतरफा मार झेल रही हैं। संकट जितना प्राकृतिक है उससे कहीं ज्यादा मानव निर्मित है। केंद्र ने इसे राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित कर रखा है मगर समुचित प्रयासों के अभाव में इसके अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है।बदस्तूर जारी बाढ़ से बर्बादी
Posted on 29 Sep, 2012 04:58 PMसरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कोसी त्रासदी में 2,36,632 घर ध्वस्त हुए लेकिन सरकार पुनर्वास की उचित व्यवस्था नहीं कर
सूखे और बाढ़ की दोहरी मार, ये है बिहार
Posted on 03 Aug, 2012 10:02 AMकोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कमला बलान, महानंदा और अघवारा नदी समूह की अधिकांश नदियां नेपाल से निकलती हैं। इन