प्रयाग जोशी
प्रयाग जोशी
आपत काल बिरस भयो फागुन… …उचित होय सो की जै
Posted on 14 Jul, 2011 03:02 PMबोनासाही आमों व देसी लीचियों में बौर आ गई हैं। लाई-सरसों, मूली और धनियाँ के फूलों से घरबाड़े और खेत भरे हुए हैं। तोतों और गोंतालों की चहचहाहट से यूक्लिप्टस का पेड़ चारबाग स्टेशन की तरह शोरियाया हुआ है परन्तु कोयल नहीं दिख रही। हेमंत में, काले कौवों और कोयलों के झुण्ड बाबा रामदेव के शिविर की तरफ एफटीआई की ओर उड़ते हुए देखे थे। तब से उन्हें अपने आस-पड़ौस के पेड़ों में बैठते नहीं देखा। अनुमान कर र
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