प्रेम विजय पाटिल
फ्लोराइड से मुक्ति पाने के लिए हो रहे प्रयास
Posted on 05 Feb, 2014 03:18 PMविभाग का एक अमला नालछा के ग्राम मियांपुरा में पहुंचा, जहां पर शासकीय व निजी पेयजल स्रोतों के नम
फ्लोराइड से धार जिले में बढ़ रही विकलांगता
Posted on 05 Feb, 2014 10:51 AM धार जिले को फ्लोराइड की समस्या के लिए पूरे देश भर में जाना जाता हफ्लोरोसिस से पीड़ित मियांपुरा के बच्चे
Posted on 05 Feb, 2014 10:43 AM अधिकांश बच्चे दंतीय फ्लोरोसिस से पीड़ित हैं। वहीं माध्यमिक विद्यालफ्लोराइड युक्त पानी पीने को मजबूर ग्रामीण
Posted on 05 Feb, 2014 10:33 AM फ्लोराइड की समस्या दिन-प्रतिदिन अलग रूप लेती जा रही है। सामाजिक संस्थाओं द्वारा किए गए कार्यों के चलते जरुर कुछ राहत हुई थी किंतुफ्लोराइड मुक्त हुआ अहमदपुरा गांव
Posted on 04 Feb, 2014 03:33 PM पानी में पाए जाने वाले बैक्टीरिया को समाप्त करने के लिए क्लोरिन कीफ्लोराइड मुक्त हुआ निल्दा गांव
Posted on 04 Feb, 2014 01:46 PM उमरबन विकासखंड की अधिकतर आबादी आदिवासी ही है। ग्राम निल्दा भी शत-प्रतिशत रूप से आदिवासी आबादी वाला है। ऐसे में यहाँ पर निरक्षरताफ्लोरोसिस की जानकारी
Posted on 04 Feb, 2014 10:54 AMफ्लोरासिस से लड़ने के लिए आपका पौष्टिक आहार:-
शरीर में कैल्शियम, मैग्निशियम, विटामिन सी एवं प्रोटीन की कमी से फ्लोरोसिस का असर पड़ सकता है। निम्नलिखित पौष्टिक आहार लेने से उपरोक्त कमी दूर हो सकती है। दूध, आमला, नींबू, सोया, दलिया, हरी सब्जी, तील चक्की आप कैल्शियम, मैग्निशियम और विटामीन सी की गोलियां भी ले सकते हैं।
जलवायु परिवर्तन से धार से दिल्ली तक तपन, सेहत पर हो रहा बुरा असर
Posted on 16 May, 2024 06:05 PMवर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन ग्रुप के एक नए अध्ययन से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन ने अप्रैल में पूरे एशिया में अनुभव की गई हीट वेव की तीव्रता को काफ़ी बढ़ा दिया था। अध्ययन ने साफ किया कि इस अवधि में रिकॉर्ड तोड़ तापमान ने लोगों को प्रभावित किया है। मानव-जनित जलवायु परिवर्तन ने इन गर्मी की आवृत्ति और तीव्रता को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाई।
वायु प्रदूषण से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय फंडिंग में भारत, नेपाल की उपेक्षा: रिपोर्ट
Posted on 05 Oct, 2023 10:53 AMएक नई रिपोर्ट से पता चलता है कि जहां एक ओर भारत और नेपाल में दुनिया भर में वायु प्रदूषण के सबसे खराब प्रदूषण से जूझ रहे हैं, वहीं इन देशों की इस समस्या से निपटने में मदद करने के लिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय दानदाताओं से बेहद कम आर्थिक सहयोग मिलता है।