पंकज कुमार श्रीवास्तव
पंकज कुमार श्रीवास्तव
शिवराज सिंह का अपना तालाब
Posted on 06 Jan, 2014 02:40 PM5 जनवरी 2013, महोबा। उत्तरप्रदेश के महोबा जिले में बरबई गांव के किसान शिवराज सिंह ने वर्षा की बूंदों को समेटने का जतन अपना तालाब बनाकर पूरा किया। इससे उनके सदियों से सूखे खेतों को जरूरत का पानी मिला ही, साथ ही मिला निराश परिवार को फायदे की खेती का नजरिया।गिरधारी का अधूरा कुआं नहीं हुआ पूरा
Posted on 12 Jan, 2014 09:17 AM12 जनवरी 2014, महोबा। अपने खेत में 30 फुट गहरा कुआं खोदकर छ: साल पहले पानी का जतन तो किया था। उसके निर्माण में खुद परिवार सहित मेहनत भी की, और 32 हजार मजदूरी पर खर्च किया। लेकिन उसे पक्का नहीं करवा सके। तो बरसात में जस का तस मिट्टी से पट गया। पक्का न कर पाने की वजह बना नातिन की शादी।ऊसर में असरकारी अपना तालाब
Posted on 12 Jan, 2014 09:06 AM12 जनवरी 2014, महोबा। जिले की तिन्दौली गांव की महिला किसान रामरती पुत्री नन्नुहा भी किसी से पीछे नहीं है। गांव-गली में रामरती के हौसले और हुनर भरे किस्से किसी से भी सुन सकते हैं। आम महिलाओं की तरह वह न तो बुझदिल है न ही कमजोर। फर्राटे से मोटरसायकिल चलाना, सर में पगड़ी बांध कर लाठियां भांजना, निशानेबाजी तो शौक है। हैण्डपम्प की नामी-गिरामी मिस्त्री भी, साथ ही घर पर परचून की दुकान चलाकर अच्छी खासी आमअपना तालाब के भरोसे कंकरीली जमीन में फसल
Posted on 11 Jan, 2014 10:44 AM10 जनवरी 2014, महोबा। जिले के विकासखण्ड कबरई का गांव सलारपुर मप्र जनपद छतरपुर की सीमा से सटा है। गांव के एक बरसाती नाले से लगा, किसान रामकृपाल पुत्र मनुवा व उसके छोटे भाई बाबूलाल की 3 एकड़ ढालूदार, बालू कंकड़ युक्त जमीन है, जिसमें उपजाऊ मिट्टी और सिंचाई के पानी के अभाव में नाम मात्र की फसल हाथ लगती रही है। शायद ही कभी इस जमीन से फायदे की फसल काटने का सौभाग्य मिला हो।बदलाव के आधार बनते तालाब
Posted on 11 Jan, 2014 10:25 AM11 जनवरी 2014, महोबा। बदहाली के मुकाम में ठहरे बुंदेलखंड को खुशहाली को राह में लाना कोई आसान बात नही हैं जो किसी संस्था अथवा सरकार के संसाधनों मात्र से हो सके। इस तरह के बदलाव सिर्फ व सिर्फ समुदाय व समाज की अपनी समझ और चाहत से सम्भव है। ऐसा ही कुछ बदलाव बुंदेलखंड में किसानों के खेतों पर श्रृंखलाबद्ध बनते तालाबों से आसार नजर आ रहे हैं। जहां बदहाली का डेरा है।पूरे खेत में बना डाला तालाब
Posted on 10 Jan, 2014 10:08 AM9 जनवरी 2014, महोबा। जिले में खेतों की प्यास बुझाने के लिए गांव-गांव से किसानों के तालाब की फेहरिस्त और सूचनाओं का ब्यौरा सुबह से शाम तक मिलना आम बात होती जा रही है, जो अपने खेत के पांचवें-दसवें हिस्से में अपना तालाब बनाने के इच्छुक हैं। पर इसी जिले के एक गांव की महिला किसान का हौसला देखते ही बनता है, जिसने अपने खेत को तालाब में तब्दील कर दिखा दिया।परिन्दों के पहले वाशिन्दों की वापसी का जरिया ‘अपना तालाब’
Posted on 10 Jan, 2014 10:05 AM9 जनवरी 2014, महोबा। जिला मुख्यालय से महज 12 किमी. पर बसे विकासखण्ड चरखारी के गांव ‘सूपा’ पलायन के लिए चर्चित है।‘अपना तालाब’ विस्तार कार्यशाला का आयोजन
Posted on 07 Jan, 2014 11:30 PM22 दिसम्बर 2013; महोबा जिले के बरबई गाँव में ‘अपना तालाब अभियान’ विस्तार कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की चर्चा का केंद्र था कि प्रतिभागी किसान आपस में अपने-अपने तालाबों के अनभुव का विनिमय तथा खेतों की जरूरत के अनुरूप आवश्यक विस्तार कार्य योजना।