मीनाक्षी अरोड़ा

मीनाक्षी अरोड़ा
फ्लोरोसिस के शिकंजे में बचपन
Posted on 20 Aug, 2016 02:49 PM


बेहतर कल गढ़ने का दारोमदार बच्चों के कन्धों पर होता है लेकिन बचपन ही अगर विकलांगता की जद में आ जाये तो आने वाले कल की तस्वीर निश्चित तौर पर बेहद बदरंग और धुँधली होगी।

आगरा जिले के बरौली अहिर ब्लॉक के कई गाँवों में नौनिहाल फ्लोरोसिस जैसी बीमारी के चंगुल में आहिस्ता-आहिस्ता फँसे जा रहे हैं।

बरौली अहिर ब्लॉक के पचगाँय खेड़ा ग्राम पंचायत के अन्तर्गत आने वाले सभी तीन गाँवों में रहने वाले अधिकांश बच्चों में फ्लोरोसिस के संकेत देखने को मिल रहे हैं।

बच्चों में फ्लोरोसिस का प्राथमिक लक्षण दाँतों में दिखता है। दाँतों में पीले और सफेद दाग पड़ जाते हैं। इन गाँवों के बच्चों में ये दाग साफ देखे जा सकते हैं। इक्का-दुक्का बच्चों पर तो फ्लोरोसिस ने इतना असर डाल दिया है कि उनके पैरों की हडि्डयों में टेढ़ापन आ गया है।

गाँव सरकार, सबसे निकम्मी
Posted on 28 Mar, 2016 11:31 AM


पंचायत राज दिवस यानि 24 अप्रैल 2016 को ‘ग्रामोदय से भारत उदय अभियान’ का नारा दिया गया। झारखण्ड के जमशेदपुर के जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गाँव पंचायतों को खुद अपनी योजना बनाने और लागू करने को ललकारा। पीएम ने दिल्ली की संसद से बड़ी गाँव की ग्रामसभा को बताते हुए कहा कि अब गाँवों के लिये अलग बजट आता है इसलिये गाँवों के लिये पैसों की कमी नहीं है।

केन्द्र सरकार की ‘ग्रामोदय से भारत उदय’ अभियान के तहत संकल्पना है कि केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के साथ ही ‘गाँव सरकार’ का चेहरा सबको दिखने लगे यानि उनके अधिकार को और स्पष्ट किया जाये। जिससे गाँव सरकार अपने निर्णय खुद करने लगें।

जिंदगी लेती जहरीली हवा
Posted on 08 Mar, 2016 12:50 PM


हवा लोगों को जीवन देती है लेकिन अगर यही जीवन लेने लगे तो? सवाल अजीब जरूर है लेकिन इसे झुठलाया नहीं जा सकता है।

हाल ही में एक संस्थान द्वारा किये गये एक शोध में पता चला है कि दिल्ली की आबोहवा जहरीली हो गयी है और लोगों की जिंदगी के दिन कम कर रही है। इंडियन इंस्टीट्यूट अॉफ ट्रौपिकल मेटीरियोलॉजी Indian Institute of Tropical Meteorology (IITM) द्वारा किये गये शोध में पता चला है कि वायु प्रदूषण के चलते दिल्ली के लोगों के जीवनकाल से 6.4 वर्ष कम हो रहे हैं। इसका मतलब यह है कि जिन लोगों की जिंदगी 80 वर्षों की है वे 76 वर्ष ही जी पायेंगे।

हम हैं इनाम के हकदारः श्री श्री रविशंकर
Posted on 06 Mar, 2016 07:37 PM


जैसे-जैसे आर्ट ऑफ लिविंग के ‘वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल’ के आयोजन का समय पास आ रहा है वैसे-वैसे नदियों की चिन्ता करने वाले लोगों की चिन्ता और बढ़ती जा रही है। हमने इण्डिया वाटर पोर्टल की ओर से जब यमुना किनारे के कुछ स्थानीय साथियों से बातचीत की तो पाया कि लोग नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से बड़ी आस लगाए बैठे हैं। आखिर यह लड़ाई नदियों के हक की लड़ाई है।

पूरी दुनिया में नदियों की पुनर्बहाली के लिये प्रयत्नशील रॉबर्ट कैनेडी जूनियर के नेतृत्व में चलने वाले नेटवर्क ‘वाटरकीपर एलायंस’ की भारतीय प्रतिनिधि और यमुनावाटरकीपर का कहना है, “एनजीटी का जो भी फैसला होगा वो केवल यमुना के लिये नहीं बल्कि सभी नदियों के लिये होगा। अगर किसी एक को नदी के साथ छेड़छाड़ करने की इजाजत मिलती है तो देश की किसी भी नदी के साथ कोई भी कुछ भी करने के लिये आजाद हो जाएगा। नदी माँ है माँ के साथ छेड़छाड़ करने वाले को अपराधी की तरह कड़ी-से-कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि वो सबके लिये एक नजीर बने”

बदरंग आगरा
Posted on 24 Feb, 2016 01:32 PM


लगभग 4 हजार किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला उत्तर प्रदेश का आगरा चार जिलों धौलपुर, मथुरा, फिरोजाबाद और भरतपुर से घिरा हुआ है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार यहाँ की आबादी लगभग 44 लाख है। यहाँ मुख्यतः ब्रजभाषा बोली जाती है। आगरा विश्व प्रसिद्ध ताजमहल के साथ ही दूसरी तारीखी इमारतों के लिये मशहूर है लेकिन फ्लोराइड का कहर इसकी लोकप्रियता में सेंध लगा रहा है। हाल के कई सर्वेक्षणों में आगरा में फ्लोराइड के कहर पर गम्भीर चिन्ता व्यक्त की गई है। इण्डिया वाटर पोर्टल (हिन्दी) आगरा में फ्लोराइड के असर को लेकर विस्तृत कवरेज देने जा रहा है जिसमें हर पहलू पर रोशनी डाली जाएगी। पेश है इस कवरेज का पहला भाग...

.उत्तर प्रदेश के आगरा का जिक्र आता है तो सबसे पहले सफेद मार्बल से बने 384 वर्ष पुराने ताजमहल की तस्वीर जेहन में उभरती है। रोज हजारों लोग प्रेम की निशानी इस ताजमहल का दीदार करने आते हैं।

मुगल वंश और लोधी वंश के कई शासकों ने आगरा को अपना घर बनाया। कहा जाता है कि आधुनिक आगरा की स्थापना लोधी वंश के शासक सिकंदर लोधी ने सोलहवीं शताब्दी में की थी। वैसे आगरा ताजमहल के अलावा दूसरी ऐतिहासिक इमारतों के लिये भी जाना जाता है। यहाँ के महलों, मकबरों और मस्जिदों की नक्काशी आकर्षण का केन्द्र है।

आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया के अनुसार अकबर के दरबारी इतिहासकार अबु फजल ने अपनी किताब में लिखा था कि यहाँ 5000 से अधिक बंगाली और गुजराती स्थापत्य शैली की बिल्डिंगें थीं लेकिन अधिकांश बिल्डिंगों को जहाँगीर ने तोड़ दिया और सफेद मार्बल से महल बनवा दिये।

सूखा बुन्देलखण्ड
Posted on 12 Feb, 2016 04:40 PM


अवर्षा, असमय वर्षा, अल्प वर्षा इन सब में सूखा आता है। बुन्देलखण्ड में पिछले लगभग एक दशक में सबसे अच्छी वर्षा 2012 और 2013 में ही हुई। बाकी के साल अल्प वर्षा के रहे। 2013 का साल अति वर्षा का रहा, और 2012-13 मे भी आँधी-तूफान और ओला वर्षा ने फसलों का काफी नुकसान किया। यानी कह सकते हैं कि बुन्देलखण्ड में किसानी के लिये पिछला दशक ही अच्छा नहीं रहा है। 10-12 सालों से अल्प वर्षा और कभी- कभार अति वर्षा और ओला वर्षा की मार झेलते- झेलते बुन्देलखण्ड के किसान और किसानी दोनों टूट गये हैं।

बुन्देलखण्ड में किसानी सबसे बुरे दौर में है। आये दिन सूखी फसलों को देखकर सदमे से किसानों की मौत हो रही है। जालौन के सिरसाकलार थाना क्षेत्र के गाँव पिथऊपुर के किसान लालाराम ने 10 बीघा जमीन में गेहूँ की फसल लगायी थी, फसल अच्छी नहीं हुई, जिससे दुखी होकर लालाराम ने खाना-पीना छोड़ दिया और 22 अप्रैल को सदमे में उसकी मौत हो गयी।

अपाहिज जिन्दगी
Posted on 11 Jan, 2016 04:10 PM

Panchagain, Patti Panchgain, Panchagain Kheda, Agraमशहूर शायर फैज़ अहमद फैज़ ने लिखा है-
जिन्दगी क्या किसी मुफलिस की कबा (कपड़ा) है जिसमें हर घड़ी दर्द के पैबन्द लगे जाते हैं। 

 

फैज़ ने ये पंक्तियाँ किन हालातों में लिखी होंगी पता नहीं लेकिन ऐतिहासिक शहर आगरा से लगभग 20-25 किलोमीटर दूर स्थित गाँव पचगाँय के लोगों की जिन्दगी सचमुच उस गरीब के कपड़ों जैसी है जिनमें हर पल दर्द के पैबन्द लगते हैं।

गाँव की आबादी तकरीबन 900-1000 होगी। गाँव पक्की सड़क से जुड़ा हुआ भी है। आमतौर पर पक्की सड़क से जुड़ाव विकास का पैमाना होता है। इस गाँव के लोगों की रोजी-रोटी का जरिया खेती है पर कई परिवार ऐसे भी हैं जिनके पास अपनी जमीन नहीं। कुल मिलाकर यहाँ समृद्ध और दरिद्र दोनों तरह के परिवार रहते हैं। इसी तथाकथित विकसित गाँव में दर्जनों लोगों को फ्लोराइड हर घड़ी दर्द दे रहा है। यह फ्लोराइड कहीं और से नहीं बल्कि जिन्दगी देने वाले पेयजल से उनके शरीर में जा रहा है।

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