जगमोहन रौतेला

जगमोहन रौतेला
चेतावनी देती केदारघाटी
केदारघाटी में हाल ही में आई आपदा ने एक बार फिर से लोगों के दिल में डर का माहौल भर दिया है। 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद से इस क्षेत्र में पुनर्निर्माण कार्य तेजी से हो रहे हैं पर बार-बार आ रही आपदा हमें क्या बता रही है
Posted on 30 Aug, 2024 03:25 AM

केदारनाथ के पैदल मार्ग पर गत 26 अगस्त 2024 को घोड़े खच्चरों की आवा-जाही शुरू हो गई। उस दिन 20 से अधिक घोड़ा-खच्चर पर राशन, सब्जी व अन्य सामग्री केदारधाम पहुँचाई गई। इसके बाद सरकार की मंशा अब केदारनाथ के पैदल मार्ग से यात्रा शुरू करने की है। गत 31 जुलाई 2024 को केदारनाथ के पैदल मार्ग पर बादल फटने के बाद से गौरीकुण्ड से केदारनाथ के लिए घोड़ा-खच्चरों का संचालन बंद कर दिया गया था। गौरीकुण्ड-केदारना

केदारघाटी में बार-बार आपदा (Needpix.com)
नैनीताल में नदियों को बचाने को हुआ सम्मेलन
विश्व पर्यावरण दिवस के निमित्त हम कलशा की सहायक धाराओं के किनारे साझा संकल्प लेंगे और उन लोगों से मार्गदर्शन लेंगे, जिन्होंने पूरा जीवन नदी, जंगलों और उनके साथ जीने वाले रहवासियों के लिए समर्पित कर रखा है।
Posted on 30 Jun, 2023 04:28 PM

'सूखी जुबान जिंदगी से पूछने लगी कि प्यास ही लिखी है या पानी भी लिखा है!' साथी और परिजन पाँच जून 2023 के सम्मेलन की सूचनाओं को अपने जानने वालों तक भेजिए। इसलिए नहीं कि यह किसी व्यक्ति का काम है, इसलिए क्योंकि हम मध्य हिमालय में सूखती गैर बर्फानी नदियों के बारे में बात करना चाहते हैं। हमारी चिंता है कि यदि व्यापक जन समुदाय अपनी नदियों के बारे में विचार नहीं करेगा और उनको बचाने की कोई सार्थक पहल न

नैनीताल में नदियों को बचाने को हुआ सम्मेलन, फोटो- बच्ची सिंह बिष्ट
भारी बजट के बावजूद प्यासे हैं गाँव
Posted on 28 Aug, 2010 08:35 AM

घनसाली के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल का संकट इस कदर बढ़ा कि गत 17 मई 2010 को 18 घंटे तक पानी के स्रोत पर लगी लम्बी लाइन में खड़ी चार महिलायें बैशाखी देवी, छौंपाड़ी देवी, रुशना देवी तथा यशोदा देवी भूख प्यास के कारण बेहोश होकर गिर पड़ी। इसी तरह जून माह में देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के एक गाँव में पेयजल की समस्या के कारण लोगों में पैदा हो रहे तनाव को देखते हुए सार्वजनिक नल में पुलिस की तैनाती
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