जगदम्बा प्रसाद दीक्षित

जगदम्बा प्रसाद दीक्षित
खोयी हुई सदी : दूसरी बरसात
Posted on 04 Dec, 2014 11:27 AM
बारिश थमने का नाम नहीं ले रही थी। कम हो जाती...फिर तेज हो जाती।...दरवाजे पर ताला पड़ा था। मतलब कोई आया नहीं। न गौतम आया...न कोपर...न कोई और।...किसी तरह ताला खोला।...दरवाजा खोलकर अंधेरे में स्विच टटोला। ऑन किया तो कोई असर नहीं हुआ। स्विच को कई बार ऊपर नीचे किया। कुछ नहीं हुआ। अचानक समझ में आ गया...
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