Posted on 27 Sep, 2013 11:21 AM23 नवंबर 2012, जागरण प्रतिनिधि, महोबा। यह महज एक जलाशय नहीं है। कीरत सागर नाम के दोहरे निहितार्थ हैं। लगभग दो सौ एकड़ में फैले क्षेत्र में इसे सागर का स्वरूप दिया तो 1100 साल पहले इसी के तटबंध में चन्देली सेनाओं ने दिल्ली नरेश पृथ्वीराज चौहान के छक्के छुड़ा अपनी कीर्ति पताका फहराई। शायद इसीलिये महाराजा कीर्तिवर्मन ने इसका नाम कीरत सागर रखा। महोबा के शौर्य की मूक गवाह पुरातत्व संरक्षित यह धरोहर अवैध