गौरीशंकर राजहंस

गौरीशंकर राजहंस
एक पौधा और एक कुआं
Posted on 19 Jan, 2012 10:08 AM

बिहार के गांवों के भ्रमण के सिलसिले में नीतीश कुमार ने भागलपुर जिले के धरहरा गांव में यह पाया कि वहां जब भी किसी लड़की का जन्म होता है तो लोगो उसकी याद में फल देने वाला एक वृक्ष अवश्य लगाते हैं। वहां यह देखकर उनके मन में यह विचार आया कि क्यों नहीं पूरे बिहार में नए वृक्षों का जाल बिछा दिया जाए। नीतीश कुमार का यह प्रयास निश्चय ही सराहनीय है। परंतु आवश्यकता इस बात की है कि केवल वृक्ष ही नहीं लगाए जाएं उसके साथ चापाकल भी लगाए जाएं जैसा कि निर्मला देशपांडे का विचार था।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निस्संदेह बिहार को एक स्वच्छ प्रशासन दिया है। इस दिशा में उन्होंने कई अभिनव प्रयोग किए हैं। माफिया सरगनाओं को जेल में डाल दिया है। लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए स्कूल में जाने वाली हर लड़की को मुफ्त साइकिल दी है। लड़कियों के स्कूलों में शौचालय का प्रबंध किया है। पूरे बिहार में सड़कों का जाल बिछा दिया है। बिहार में तो उद्योगों का जाल भी बिछ जाता यदि वहां बिजली की उपलब्धता होती। कोयले की सारी खदान झारखंड के हिस्से में चली गईं। दुर्भाग्यवश इन खदानों से बिहार के बिजलीघरों को कोयला नहीं मिल रहा है। इसी कारण वहां पर्याप्त बिजली का उत्पादन नहीं हो रहा है। पीछे मुड़कर देखने से ऐसा लगता है कि बिहार का बंटवारा ही गलत था। राजनेताओं ने अपने स्वार्थ के लिए इस फूलते-फलते राज्य को दो भागों में बांट दिया और आज की तारीख में दोनों राज्य गरीबी के शिकार हैं। बात केवल कोयला खदानों और बिजलीघरों की ही नहीं है। बिहार के तीन-चौथाई जंगल झारखंड में रह गए। वहां भी ठेकेदार माफिया ने जंगलों का बुरी तरह दोहन किया है।
क्या चीन हमसे ब्रह्मपुत्र छीन लेगा
Posted on 27 Jul, 2011 03:55 PM

एक बार फिर खबर आई है कि चीन अपने क्षेत्र में जोर-शोर से ब्रह्मपुत्र नदी की धारा को मोड़कर उत्तर की ओर ले जा रहा है। वर्ष 2006 में गुप्तचर सैटेलाइट के आधार पर अमेरिका ने यह रहस्योद्घाटन किया था कि चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर एक बड़ा बांध बनाने जा रहा है। जब भारत सरकार को इस तथ्य का पता चला, तो उसने इसका विरोध किया। अपनी आदत के अनुसार चीन ने उस समय आश्वस्त किया था कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्यों

ब्रह्मपुत्र नदी
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