डॉ. धर्मेन्द्र पारे

डॉ. धर्मेन्द्र पारे
भुआणा का तालाब गीत
Posted on 25 Feb, 2010 06:10 PM
आठ सौ वो फावड़ा रे राजा नव सौ कुदाली चलS
म्हारी टोपली को अंत न पार
आठ सो वो फावड़ा रे राजा नव सौ कुदाली चलS
म्हारी टोपली को अंत न पार

खोदता जो खोदता रे राजा बारह बरस हुया
पर कंई को पानी को सो अंश नी
खोदता जो खोदता रे राजा बारह बरस हुया
नहीं निकलयो पानी को तुषार
खोदता जो खोदता रे राजा बारह बरस हुया
पर कंई को पानी को सो अंश नी
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