डॉ. दिनेश मिश्र
डॉ. दिनेश मिश्र
अब कोसी तटबन्धों और कोसी पीड़ितों के साथ धक्का-मुक्की
Posted on 11 Aug, 2012 11:35 AMकोसी प्रोजेक्ट के इंजीनियरों के लिए तटबन्ध का अलाइनमेन्ट अब तक सिरदर्द बन चुका था। जो जहाँ फंस
उपेक्षित पीड़ित और उनका संघर्ष
Posted on 11 Aug, 2012 11:15 AMएक ओर कोसी के थपेड़ों से बचने वाले इलाकों के लोगों के मन में जहाँ खासा जोश-खरोश था वहीं दूसरी ओर वह किसान जिनकी जमीनों का निर्माण कार्यों के लिये अस्थाई अधिग्रहण हुआ था और वह लोग जिनकी जमीनों पर से होकर तटबन्धों को गुजरना था, थोड़े बहुत मुआवजे की उम्मीद में सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे थे। उनकी दौड़-धूप इस जुम्मे से उस जुम्मे तक और इस दरवाजे से उस चैखट तक निर्बाध गति से चल रही थी। सरकार ने अपनीराजनैतिक तटबन्ध
Posted on 11 Aug, 2012 11:05 AMऐसा लगता है कि कुनौली और निर्मली के बीच तटबन्ध का अलाइनमेन्ट कोसी परियोजना के अधिकारियों ने ज्यादा किसी हील-हुज्जत के बिना ही बदल दिया क्योंकि इस क्षेत्र में अलाइनमेन्ट बदलवाने के लिये किसी संघर्ष की कहानी सुनने को नहीं मिलती। कुनौली के उत्तर में नेपाली क्षेत्र में जरूर तटबन्ध का अलाइनमेन्ट बेतरह बदला गया था और यह परिवर्तन उस समय एक बहस का मुद्दा बना था जबकोसी बांध-सबकी अपनी-अपनी समझ
Posted on 11 Aug, 2012 10:48 AMबांध एक ऐसा शब्द है जोकि बिहार में जन-साधारण के बीच कंक्रीट, ईंट या पत्थर अथवा मिट्टी के बने हुये किसी भी बांध के लिए बिना किसी भेद-भाव के प्रयोग में लाया जाता है। इसी शब्द के दायरे में तटबन्ध, वीयर और बराज जैसी संरचनाएं भी आ जाती हैं। हम समझते हैं कि बाकी जगहों पर भी एक खास वर्ग ही इन संरचनाओं के अन्तर को समझता होगा। जब कोसी पर तटबन्धों की बात चली तब भी आमजिम्मेवारी से दामन झाड़ने की कला
Posted on 11 Aug, 2012 10:02 AMक्या कभी बिहार सरकार यह भी बतायेगी कि बिहार की कुल 68.8 लाख हेक्टेयर जमीन में से 29 लाख हेक्टे
नाक की सीध में चलने का हुनर
Posted on 25 Jul, 2012 05:21 PM1995 में गंडक, कमला, बागमती और अधवारा समूह की नदियों के तटबंध फिर टूटे और इस बार गंगा के दक्षि
इंजीनियरों की भूमिका-गंगा किनारे गंगा राम, जमुना किनारे जमुना दास
Posted on 25 Jul, 2012 05:16 PMआज हमारी बाढ़ नियंत्रण की परियोजनाएं अपने बताये गये लक्ष्यों से दूर-दूर भटक रही हैं और हालात प
बाढ़ पर उच्चस्तरीय समिति (नाग समिति) की रिपोर्ट और अब तक की बहस की समाप्ति
Posted on 21 Jul, 2012 12:05 PMहमने पहले उड़ीसा बाढ़ समिति और पटना के बाढ़ सम्मेलन का जिक्र किया है। उसमें उड़ीसा और बिहार के इंजीनियरों के बयानों के कुछ अंश भी दिये गये हैं। पटना सम्मेलन में उत्तर प्रदेश और बंगाल से भी इंजीनियर आये थे। उत्तर प्रदेश के एक सुपरिंटेडिंग इंजीनियर ब्रैडशॉ स्मिथ ने इस सम्मेलन (1937) में कहा था कि “...उत्तर प्रदेश में भी इंजीनियरों की राय नदी (घाघरा) को दोनों तक्लॉड इंगलिस द्वारा 1953 वाली कोसी परियोजना प्रस्ताव का मूल्यांकन
Posted on 21 Jul, 2012 10:59 AMकोसी समस्या के समाधान के लिए हमारे सामने दो ही विकल्प हैं, एक तो यह कि लोगों की माँग के अनुरूप