दिनेश कण्डवाल

दिनेश कण्डवाल
न स्वैप, ना स्वजल, सिर्फ ग्राम जल
Posted on 08 Oct, 2016 12:35 PM

उन्हें क्या मालूम था कि वे एक लम्बे समय तक पानी के संकट से जूझते रहेंगे। वे तो मोटर मार्ग के स्वार्थवश अपने गाँव की मूल थाती छोड़कर इसलिये चूरेड़धार पर आ बसे कि उन्हें भी यातायात का लाभ मिलेगा। यातायात का लाभ उन्हें जो भी मिला हो, पर वे उससे कई गुना अधिक पानी के संकट से जूझते रहे।

यह कोई नई कहानी नहीं यह तो हकीकत की पड़ताल करती हुई टिहरी जनपद के अन्तर्गत चूरेड़धार गाँव की तस्वीर का चरित्र-चित्रण है। बता दें कि 1952 से पूर्व चूरेड़धार गाँव गाड़नामे तोक पर था, जिसे तब गाड़नामे गाँव से ही जाना जाता था। हुआ यूँ कि 1953 में जब धनोल्टी-चम्बा मोटर मार्ग बना तो ग्रामीण मूल गाँव से स्वःविस्थापित होकर सड़क की सुविधा बावत चूरेड़धार जगह पर आ बसे।
गाड़नामे तोक गाँव में जलस्रोत
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